देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी और मिल्क सप्लायर अमूल अब अडानी-अंबानी समेत आईटीसी और नेस्ले को पानी पिलाने की तैयारी कर रही है. अमूल अब सिर्फ डेयरी प्रोडक्ट्स तक ही अपने आपको सीमित नहीं रखना चाहती है, अब वो किचन में मौजूद हरेक कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में एंट्री करने जा रही है, ताकि कंपनी को आगे की ओर बढ़ा सके. इस प्लानिंग की वजह से अंबानी, अडानी, आईटी और नेस्ले की कंज्यूमर प्रोडक्ट्स यूनिट्स को बड़ा झटका लग सकता है. हाल ही में रिलायंस ने सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में एंट्री की है. जिसके तहत कंपनी ने कैंपा कोला को 22 करोड़ रुपये में खरीदकर तीन फ्लेवर लॉन्च कर दिए हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स कोर बिजनेस
अमूल ब्रांड की वैल्यू करीब 61 हजार करोड़ रुपये की है, जिस पर गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन का होल्ड है. कछ समय पहले ही कंपनी के एमडी के रूप में जयेन मेहता ने अपना पद संभाला है. जिसके बाद उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि डेयरी प्रोडक्ट्स बनाना और बेचना कंपनी का कोर बिजनेस है, लेकिन कंपनी ग्रोथ के लिए वो अब नॉन डेयरी बिजनेस की ओर भी फोकस करेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी अब हर उस प्रोडक्ट की ओर जाएगी, जो रोजमर्रा के यूज में किचन में इस्तेमाल होता है. कंपनी की ओर से इन तमाम कैटेगिरी में मोटा इंवेस्टमेंट किया जा रहा है, जोकि लार्ज स्केल में होगा।
क्यों जरूरी हो गया एफएमसीजी सेक्टर में एंट्री?
मौजूदा समय में अमूल पनीर, दूध, आइसक्रीम और मक्खन जैसे डेयर प्रोडक्ट्स बनाती है. अब वो नॉन डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे बेवरेज, स्नैक्स, दालें, कुकीज, खाने का तेल, ऑर्गैनिक फूड और फ्रोजन फूड जैसी कैटेगिरी पर भी फोकस करने जा रहा है. मेहता ने कहा कि कंपनी की ग्रोथ के लिए इन कैटेगिरी में उतरना जरूरी हो गया है. रिटेल मोर्चे पर अमूल प्रीमियम आइसक्रीम के लिए ‘आइस लाउंज’ पार्लर स्टैब्लिश कर रहा है. बीते तीन दशकों से अमूल के साथ जुड़े मेहता ने कहा कि हमें प्रतिस्पर्धा से टेंशन नहीं है, मार्केट में प्लेयर्स के ज्यादा होने से कई प्रोडक्ट्स बनाने में हेल्प मिलती है. कई प्रोडक्ट्स और कैटेगिरीज में अमूल का मुकाबला आईटीसी, नेस्ले और कोका कोला से है।
सभी कंपनियों की बढ़ रही है मौजूदगी
पिछले साल नवंबर में, ब्रिटानिया ने पनीर प्रोडक्ट्स के निर्माण और सेल के लिए फ्रांसीसी पनीर मेकर बेल एसए के साथ एक ज्वाइंट वेंचर बनाने का ऐलान किया था. नेस्ले और आईटीसी ने एफएमसीजी सेक्टर में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का ऐलान किया था. दूसरी ओर गौतम अडानी और मुकेश अंबानी एफएमसीजी सेक्टर में पहुंच तेजी के साथ आगे की ओर बढ़ा रहे हैं. पिछले एक साल में तीन बार डेयरी प्रोडक्ट्स की कीमतों में इजाफा करने पर मेहता ने कहा कि कीमतों में वृद्धि करना जरूरी इसलिए हो गया था क्योंकि फीड और चारे की लागत में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. इसके अलावा, बेमौसम बारिश और फसल की खराब होने की वजह से कॉस्टिंग में बढ़ोतरी हो रही है।