वित्त मंत्री ने सोमवार को बजट में पीएफ में 2.50 लाख रुपये से अधिक के निवेश पर ब्याज के रूप में होने वाली कमाई पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। इससे तय रिटर्न वाले विकल्पों में निवेश के विकल्प घटेंगे। हालांकि, 75 साल से अधिक उम्र के करदाताओं को टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत खत्म करने के साथ पेंशन आय टैक्स फ्री करके एक बड़ी राहत दी है।
वरिष्ठ नागरिकों को राहत
75 साल से अधिक के वरिष्ठ नागिरकों के लिए आईटीआर (आयकर रिटर्न) भरना अनिवार्य नहीं रहेगा। बैंक टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटेंगे
75 साल से अधिक उम्र के नागरिकों की पेंशन आय पूरी तरह कर मुक्त यानी टैक्स फ्री होगी।
आयकर मामलों की जल्द सुनवाई
आयकर मामलों को दोबारा से खोलने के लिए समयसीमा आधा कर तीन साल किया गया है। गंभीर धोखाधड़ी मामलों में यह 10 साल है। इससे करदाताओं को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। 50 लाख रुपये सालाना से अधिक का मामला होने पर उसकी मंजूरी प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त से लेनी होगी।
फेसलेस असेसमेंट को बढ़ावा
विवाद निपटान समित बनाने का प्रस्ताव। 50 लाख रुपये से कम आय और 10 लाख रुपये तक की विवादित राशि के मामले में करदाता समिति से शिकायत कर सकेंगे। समिति फेसलेस सुनवाई करेगी।
सस्ते मकान के लिए ब्याज छूट जारी
सस्ते मकान के लिए ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये की छूट एक साल के लिए बढ़ायी गई। इसके तहत 45 लाख रुपये तक के मकान पर छूट ली जा सकती है।
रिटर्न भरना और आसान हुआ
बैंक और डाकघर से ब्याज आय, कैपिटल गेन और डिविडेंट आदि भी अब आईटीआर में पहले से भरे मिलेंगे। इससे टैक्स रिटर्न भरना और आसान हो जाएगा। मौजूदा समय में वेतनभोगी कर्मचारियों की आय से जुड़ी जानकारी और कर का विवरण पहले से भरा रहता है।
अग्रिम छूट पर राहत
सरकार ने अग्रिम कर के मोर्चे पर भी राहत दी है। डिविडेंट की घोषणा के बाद ही उसकी गणना अग्रिम कर के रूप में की जाएगी।
डिजिटल कारोबार को प्रोत्साहन
डिजिटल तरीके से अपना ज्यादातर काम करने वाली कंपनियों के लिए कर ऑडिट छूट की सीमा दोगुना कर 10 करोड़ रुपये किया गया। प्रस्ताव के तहत 95 फीसदी कारोबार डिजिटल तरीके से काम करने वाली कंपनियों को यह छूट मिलेगी।