लखनऊ: देश के वर्तमान कोरोना प्रभावित हालात का गलत फायदा उठाकर श्रम कानूनों में छेड़छाड़ अमानवीय, शोषणकारी ।
लॉक डाउन से देश की रीढ़ करोड़ों मजदूर और श्रमिकों का सबसे ज्यादा बुरा हाल
फिर भी कानूनी तौर पर 8 के बजाय 12 घंटे काम लेने की शोषणकारी व्यवस्था दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण ।
श्रम कानून में ऐसा संशोधन करना चाहिए फैक्ट्री, प्राइवेट संस्थानों में ही मजदूरों के रुकने की व्यवस्था हो ।
मजदूर किसी भी स्थिति में भूखे ना मरे और ना ही उन्हें पलायन करने की मजबूरी हो।