इस साल की शुरुआती 2 महीने में ही भारत ने करीब 16 हजार करोड़ (2 बिलियन डॉलर) के मोबाइल फोन एक्सपोर्ट किये हैं. इसमें सैमसंग और एप्पल के मोबाइल फोन ने बाजी मारी है. सिर्फ सैमसंग और एप्पल का इसमें टोटल कॉन्ट्रिब्यूशन 90% का है. पिछले साल अप्रैल 2022 में टोटल एक्सपोर्ट 9 बिलियन डॉलर था. जो इस बार क्रॉस कर गया है. ये भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि ‘मेड इन इंडिया’ के फोन अब बाहर देशों में इतनी बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट हो रहे हैं।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक में स्मार्टफोन का निर्यात दोगुना हुआ है. वहीं, इस साल 31 मार्च खत्म होने से पहले ये पिछले साल के मुकाबले 5.8 बिलियन डॉलर से लगभग दोगुना होने की उम्मीद है. आंकड़ों के मुताबिक, मेड इन इंडिया के स्मार्टफोन सितंबर 2022 से हर महीने लगभग 1 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
एप्पल-सैमसंग ने मारी बाजी
एपल (Apple) ऐसी पहली कंपनी है, जिसने पिछले 2 महीने में भारत से 55% स्मार्टफोन निर्यात किये हैं. वहीं, सैमसंग ने करीब 35% स्मार्टफोन्स का निर्यात किया है. एप्पल और सैमसंग भारत से मोबाइल फोन एक्सपोर्ट करने वाली प्रमुख कंपनियां हैं।
यहां हैं मैन्युफैक्चर्स की फैसिलिटीज
एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर्स फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन दोनों की ही मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी तमिलनाडु में हैं. वहीं, विस्ट्रॉन कर्नाटक में है. इन्होंने सरकार की स्मार्टफोन प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम को आगे बढ़ाने में मदद की है. सरकार की यह स्कीम अप्रैल 2020 में लॉन्च हुई थी. ET की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में ऐपल ने सैमसंग को पछाड़ दिया था और भारत से सबसे बड़ी स्मार्टफोन एक्सपोर्टर बन गई।
स्मार्टफोन के साथ भारत में बने स्मार्टफोन के पार्ट्स भी अब यूनाइटेड किंगडम UK, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया, इटली समेत कई देशों में भेजे जा रहे हैं. ICEA के डाटा के मुताबिक, स्मार्टफोन के एक्सपोर्ट के आंकड़े इस साल 24% तक बढ़ सकते हैं।
एक्सपोर्ट पर है ज्यादा फोकस
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने उन्हें बताया है कि मोबाइल एक्सपोर्ट सरकार की विजनरी पीएलआई स्कीम्स पर सबसे ज्यादा फोकस है. सरकार की कोशिश है कि इनपुट टैरिफ को कम करना भारत में बने स्मार्टफोन के निर्यात को बढ़ाना. हम सरकार से कंपोनेंट्स, हियरेबल्स और वियरेबल्स के लिए भी ऐसी ही स्कीम लाने के लिए मांग कर रहे हैं।