इंडियन आर्मी, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानती है. अब वह और ताकतवर होने जा रही है. आर्मी को और मजबूती देने के लिए मोदी सरकार ने देसी हथियारों को प्राथमिकता देने की नीति पर अमल करने का फ़ैसला किया है. रक्षा मामलों से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सामरिक नज़रिए से कई अहम हथियारों को देश में ही बनाने का ऑर्डर इसी महीने जारी हो सकता है. इसके लिए सिर्फ़ सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमिटी या रक्षा मंत्रालय की मुहर लगने का इंतज़ार है।
इसी महीने सबसे पहले इंडियन नेवी के लिए फ्लीट सपोर्ट शिप, समुद्री तटों की निगरानी करने वाले नेक्स्ट जेनरेशन वेसल्स, नेक्स्ट जेनरेशन की मिसाइल वेसल्स का ऑर्डर मिलने की उम्मीद है. हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के साथ 5 फ्लीट सपोर्ट शिप लेने की बात साल 2021 से चल रही है, जिस पर अंतिम मुहर इसी महीने लगने की उम्मीद है।
नेक्स्ट जेनरेशन की 6 मिसाइल भी मिलेंगी
डिफेंस एक्यूजिशन काउंसिल साल 2018 में ही इंडियन नेवी को समुद्र तट से सटे इलाकों की पेट्रोलिंग के लिए नेक्स्ट जेनरेशन की 6 वेसेल्स लेने की मंजूरी दे चुकी है. इसी तरह नेक्स्ट जेनरेशन की 6 मिसाइल वेसल्स ख़रीद के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड साल 2021 में ही सबसे कम बोली लगाकर ऑर्डर लेने की रेस में सबसे आगे चल रहा है. इसके लिए चीन शिपयार्ड ने 10 हज़ार करोड़ की सबसे कम बोली लगाई है।
चीन की सीमा से लगे क्षेत्र होंगे मजबूत
बता दें कि सरकार ने चीन की सीमा से लगे क्षेत्र में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन के लिए सचिवों की एक समिति गठित करने का मंगलवार को फैसला किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सिंह ने सभी लंबित परियोजनाओं में शीर्ष प्राथमिकता से तेजी लाने का आह्वान किया. बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रेलवे, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, ऊर्जा मंत्री आर के सिंह, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे।