फिट होने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम से अचानक क्यों निकाला गया स्पिन गेंदबाज? हुआ खुलासा

बाएं हाथ के स्पिनर एश्टन एगर बड़े अरमानों के साथ भारत दौरे पर आए थे. टेस्ट सीरीज में उन्हें मौका मिलने का इंतजार था लेकिन इस खिलाड़ी को स्पिन फ्रेंडली विकेट होने के बावजूद ना तो मैच मिला और फिर बीच दौरे पर ही उन्हें वापस ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया. आखिर ऐसा क्यों हुआ? इसका जवाब खुद एश्टन एगर ने दिया. एश्टन एगर ने कहा कि वो अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रहे थे इसलिए उन्हें वापस भेजा गया और इसके लिए उन्हें कोई बुरा भी नहीं लग रहा है।

एश्टन एगर ने कहा, ‘मुझे लगा कि मैं उतनी अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रहा जितनी मुझे करनी चाहिए थी. मेरे लिए यह स्पष्ट निर्देश है कि मैं इस पर काम करूं और सुधार करूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी तरह से बुरा महसूस नहीं करता. मुझे उस कैंप में बहुत अच्छा समर्थन मिला और उन्होंने मेरे साथ लगातार बातचीत की, इसलिए सब कुछ ठीक है.’ एगर ने कहा, ‘मैं दस साल से प्रोफेशनल क्रिकेटर हूं इसलिए जब मैंने शुरुआत की थी तो मैं उसकी तुलना में कहीं अधिक लचीला हूं. यह एक कठिन खेल है, यह एक निर्मम माहौल है और ऐसा ही होना चाहिए क्योंकि यह खेल का टॉप लेवल है।

एगर पर मर्फी और कुहनेमन को मिली तरजीह

बता दें एगर भारत दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के सीनियर स्पिनर के तौर पर आए थे. लेकिन पहले दो टेस्ट में उन पर ऑफ स्पिनर टॉड मर्फी और बाएं हाथ के मैथ्यू कुहनेमैन को तरजीह दी गई जिन दोनों को टेस्ट डेब्यू का मौका मिला.हालांकि ऑस्ट्रेलिया लौटने के बाद एगर मार्श कप के फाइनल में खेले और उन्होंने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलते हुए पांच विकेट झटके।

लाल गेंद से एगर का औसत प्रदर्शन

बता दें एश्टन एगर वनडे और टी20 में बेहतरीन गेंदबाजी करते हैं लेकिन टेस्ट में उनका प्रदर्शन औसत रहा है. एगर ने पांच टेस्ट मैच में नौ विकेट लिए हैं और जनवरी में एससीजी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोई विकेट नहीं ले पाए थे. सबसे लंबे फॉर्मेट में ज्यादा सफलता हासिल नहीं करने के बावजूद एगर लाल गेंद के क्रिकेट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा ऑस्ट्रेलिया के लिए किसी भी फॉर्मेट में जितना हो सके उतना खेलना चाहता हूं और जब भी मौका मिले तो उसका फायदा उठाना चाहता हूं.’ बता दें एगर 17 मार्च से शुरू होने वाली वनडे सीरीज के लिए भारत वापस लौटेंगे और उम्मीद करेंगे कि तीन मैच की सीरीज से उन्हें भारत में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए टीम में अपनी जगह पक्की करने में मदद मिलेगी।

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