पिता को खेलते देख 4 साल में थामा था बल्ला, क्रिकेट के लिए ट्रेन के जनरल डिब्बे तक में किया सफर; अब 19 साल में दूसरे वर्ल्ड कप पर नजर

उम्र 19 साल और मौका एक महीने के भीतर ही दूसरा वर्ल्ड कप जीतने का…ऐसा किसी-किसी खुशकिस्मत खिलाड़ी के साथ ही होता है. भारतीय महिला क्रिकेट टीम की धाकड़ विकेटकीपर बैटर ऋचा घोष ऐसी ही एक खिलाड़ी हैं, जिनके पास 30 दिन के भीतर दूसरा वर्ल्ड कप जीतने का मौका है. हाल ही में अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम में शामिल ऋचा शामिल थीं और अब वो 10 फरवरी से दक्षिण अफ्रीका में ही खेले जाने वाले महिला टी20 वर्ल्ड कप में सीनियर टीम की तरफ से खेलती नजर आएंगी।

ऋचा के लिए अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप बहुत अच्छा नहीं रहा. उन्होंने 4 पारी में 93 रन ही बनाए. ऐसे में वो महिला टी20 वर्ल्ड कप में इसकी भरपाई करना चाहेंगी।

पिता के नक्शेकदम पर चल क्रिकेटर बनीं

ऋचा घोष के लिए सिलीगुड़ी से निकलकर टीम इंडिया तक का सफर तय करना आसान नहीं रहा. लेकिन उनके लिए अच्छी बात यह थी कि उन्हें अपने पिता मानबेंद्र घोष का पूरा साथ मिला. क्योंकि वो खुद एक क्रिकेटर थे. इस विकेटकीपर बैटर ने 4 साल की उम्र में ही बल्ला थाम लिया था. पिता ने उन्हें उस क्रिकेट क्लब में शामिल कराया, जिसके लिए वो कभी खुद क्रिकेट खेले थे. जब वह शामिल हुई, तो वह क्लब में सबसे छोटी और अकेली लड़की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *