साबरमती जेल में मुलाकात के दौरान विजय चौधरी उर्फ उस्मान ने वादा किया था कि उमेश पाल की हत्या के लिए वह अकेले ही काफी है. उसने अतीक अहमद से कहा था कि ‘उस्ताद! आप कहो तो मैं अकेले ही जाउंगा और उमेश पाल को उसके गनर समेत मारकर आउंगा’. अतीक को उसके ऊपर भरोसा भी था, लेकिन काम बड़ा था और टारगेट भी क्लीयर था. इसलिए अतीक कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।
कौंधियारा के गोंठी गांव में एनकाउंटर के दौरान मारा गया यह बदमाश दो साल पहले ही तो अतीक के गैंग में शामिल हुआ था, लेकिन अपनी चालाकी और फुर्ती की वजह से ना केवल अशरफ, बल्कि अतीक का भी सबसे भरोसेमंद साथी बन गया. उमेश पाल मर्डर केस को अंजाम देने से पहले विजय चौधरी ने साबरमती जेल में अतीक से मुलाकात की थी. इससे पहले वह अशरफ से भी मिलने के लिए बरेली गया था।
उसने दोनों को भरोसा दिया था कि वह अकेले ही उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने में सक्षम है. जानकारी के मुताबिक विजय ने ही उमेश को पहली गोली मारी थी. उसके बाद गनर संदीप की मौत भी विजय की ही गोली से हुई है. शरीर से भले ही विजय चौधरी बहुत ताकतवर नहीं था, लेकिन उसे अपने निशाने पर गजब का भरोसा था. दो साल पहले वह अतीक के गुर्गे गुलाम से मिला और उसके जरिए अतीक और अशरफ तक पहुंचा।
यह दोनों गैंगेस्टर विजय के अचूक निशाने के कायल थे. कहा जाता है कि विजय आसमान में उड़ती चिड़िया पर भी निशाना आसानी से लगा लेता था. उमेश पाल हत्याकांड की रणनीति पर कई महीने से काम चल रहा था. इस रणनीति में सबसे बड़ी भूमिक विजय को दी गई थी. इसके लिए उसे एक नया विदेशी पिस्टल, आईफोन और 50 हजार रुपये नगद मिले थे. उसकी अतीक के बेटे अशद के साथ भी काफी पटती थी. दोनों हम उम्र थे. असद ने विजय चौधरी को भरोसा दिया था कि उमेश पाल की हत्या के बाद उसे एक गाड़ी और 10 लाख रुपये मिल जाएंगे।
वारदात में था एक और संदिग्ध
उमेश पाल हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस को एक नया तथ्य मिला है. पुलिस के मुताबिक वारदात के वक्त आरोपियों की गाड़ी में एक और व्यक्ति बैठा था, जो गाड़ी में से नहीं उतरा. पुलिस के मुताबिक यही वह व्यक्ति है जो अतीक के बेटे असद की जरूरतें पूरी करता था. बता दें कि वारदात के वक्त असद के साथ ड्राइवर शाहनवाज, राइफल से फायरिंग करने वाले साबिर गाड़ी से निकले और फायरिंग करते हुए सीसीटीवी में भी कैद हुए. लेकिन इनके अलावा एक अन्य व्यक्ति भी था जो गाड़ी में बैठकर इस वारदात को देख रहा था।