उमेश पाल हत्याकांड: मुख्तार के बाद अब जफर के घरों को गिराने की तैयारी, कभी भी चल सकता है बुलडोजर

बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और दो गनर के शूटआउट मामले के तार बांदा से जुड़ने के बाद शासन की नजर माफिया डॉन अतीक अहमद के बांदा कनेक्शन पर पड़ी है. हर बिंदु पर गहराई से छानबीन की जा रही है. एक न्यूज एजेंसी के पत्रकार जफर अहमद के प्रयागराज स्थित घर में माफिया डॉन अतीक अहमद के परिवार को शरण देने की पुलिस जांच कर रही है. सूत्र बताते हैं कि पुलिस हर कड़ी को एक दूसरे से जोड़कर नजर रखे हुए है. पुलिस उन लोगों पर नजर बनाए हुई है जो किसी भी रूप में मददगार और आरोपी के सलाहकार बने हैं. पुलिस के सर्विलांस पर लगे कई मोबाइल नंबर संदेह के दायरे में भी आ रहे हैं।

आपको बताते चलें कि बीते बुधवार को पुलिस गुलरनाका में रहने वाली न्यूज एजेंसी के पत्रकार जफर अहमद की बहन के घर के पास से दो कारें जब्त की हैं. इसमें एक इनोवा प्रयागराज की रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट मिली है. इस कार को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. माफिया के परिवार वालों को शरण देने के आरोपी जफर अहमद के गूलर नाका छावनी के घर की नगरपालिका ने वीडियोग्राफी कराई और हर बिंदु पर जांच कर रही है. काफी समय पहले इन मकानों के बावत पूरी जानकारी एकत्रित की गई है. शासन स्तर से निर्देश के बाद जिला व पुलिस प्रशासन हर बिंदु पर जांच करा रही है. हालांकि पुलिस अधिकारी यह जानकारी देने से बच रहे हैं।

जफर के दोनों घरों पर कभी भी चल सकता बुलडोजर

जफर अपनी बहन शाहनवाज परवीन के घर गूलर नाका में रहता है, जो छापेमारी वाले दिन से ही गायब है. हालांकि उसने इंटरनेट मीडिया पर अपना एक वीडियो बयान डाल रखा है. सोशल मीडिया में उसका कहना है कि प्रयागराज का घर उसके नाम पर है और बहनोई खान शौकत के माध्यम से खरीदा था. खान शौकत माफिया अतीक के वकील हैं. जफर के मुताबिक मकान के कागज और चाबी तक उसके बहनोई के पास ही रहती है. उनके कहने पर ही माफिया डॉन की पत्नी शाइस्ता को मकान किराए पर दिया था. इधर माफिया के परिवार को शरण देने के आरोप में सामने आए जफर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

जफर अहमद ने 2 दिन पहले पुलिस से मिल अपना पक्ष रखने की बात कही थी, लेकिन उसके सामने नहीं आने के बाद पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जफर अहमद के घर से दो कारें जब्त करने के साथ ही कर्वी तहसील के चित्रकू जनपदसे उसके एक जीजा जावेद को भी उठाया है।

जफर को 18 मार्च तक नगरपालिका में देने होंगे संपत्ति के सबूत

वहीं, प्रयागराज नंबर की गाड़ी को लेकर पुलिस गहराई से छानबीन कर रही है. चर्चा है कि जल्द जफर सामने नहीं आया तो बांदा में भी उसके दोनों घरों जमींदोज किया जा सकता है. नगरपालिका ने जफर अहमद को 18 मार्च तक संपत्ति के कागजात समेत सभी सबूतों के साथ पेश होने का नोटिस दिया है. माना जा रहा है कि अगर जफर अहमद नगरपालिका के नोटिस पर घरों के कागजात के साथ पेश नहीं हुआ तो प्रशासन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा।

पुलिस ने जफर से सामने आकर अपना पक्ष रखने की अपील की

पुलिस अधीक्षक बांदा अभिनंदन सिंह ने अपील की है जफर अहमद जहां कहीं भी हों सामने आकर अपना पक्ष रखें और जांच में सहयोग करें. कथित पत्रकार जफर अहमद के खिलाफ पुलिस ने अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है.बीएसपी शासनकाल में बांदा में बंद रहे माफिया डॉन अतीक अहमद की सेवा के लिए जफर अहमद प्रतापगढ़ से बांदा आया था. तबसे वह पत्रकारिता से जुड़ा हुआ है।

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