वो खिलाड़ी जिसके साथ सानिया मिर्जा ने पहना नंबर-1 का ताज, फिर क्यों छूटा साथ?

सानिया मिर्जा ने अपने टेनिस करियर को अलविदा कह दिया है. सानिया और उनकी अमेरिकी जोड़ीदार मेडिसन कीज को दुबई टेनिस चैंपियनशिप के महिला युगल वर्ग के पहले राउंड में हार का सामना करना पड़ा.इस जोड़ी को रूस की वेरोनिका कुदेरमेतोवा और ल्यूडमिला सैमसोनोवा को जोड़ी ने पहले राउंड में सीधे सेटों में 6-4, 6-4 से हरा दिया. इस टूर्नामेंट से पहले ही सानिया ने बता दिया था कि ये उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा. सानिया ने अपने करियर में काफी कुछ हासिल किया. वह महिला युगल रैंकिंग में नंबर-1 तक पहुंची और एक समय तो ऐसा था कि सानिया के खाते में जीत पर जीत आ रही थीं।

लगातार 41 मैच जीत रचा इतिहास

इस जोड़ी ने 2015 से साथ खेलना शुरू किया था और महिला युगल में लगातार 41 मैच जीत इतिहास रच दिया था. ये जोड़ी इस वर्ग में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने के मामले में दूसरे नंबर है. इस जोड़ी से आगे बेलारूस की नताशा ज्वेरेव और चेकस्लोवाकिया की याना नोवोटना की जोड़ी है. इस जोड़ी ने 1990 में विमंस डबल्स में लगातार 44 मैच जीते थे. सानिया और हिंगिस के विजयी क्रम की शुरुआत सितंबर 2015 में हुई थी और फरवरी 2016 को दोहा में इनकी जीत के सिलसिले को दारिया कासाटकिना और रूस की एलेना वेस्निना ने रोका था. इन दोनों ने मिलकर तीन ग्रैंड स्लैम खिताब जीते. इस जोड़ी ने 2015 में विंबलडन और यूएस ओपन के खिताब अपने नाम किए थे और 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीता था. इस जोड़ी ने मिलकर कुल 14 खिताब अपने नाम किए।

2015 रहा गोल्डन ईयर

2015 वो साल था जिसने इन दोनों खिलाड़ियों को काफी कुछ दिया.सानिया और हिंगिस अपने-अपने टेनिस करियर को नई राह देने की कोशिश में थीं. हिंगिस चोटों से उबर चुकी थीं और डब्ल्यूटीए ने उन पर डोपिंग के कारण जो दो साल का बैन लगाया था वो भी खत्म हो गया था. इस खिलाड़ी ने 2013 में दूसरी बार रिटायरमेंट से वापसी की थी. हिंगिस की सिंगल्स में उपल्बधियां हर कोई जानता है. लेकिन इस साल उन्होंने डबल्स में शानदार काम किया था. वहीं सानिया भारत की सबसे सफल महिला टेनिस खिलाड़ी बन चुकी थीं. उनके नाम तीन ग्रैंड स्लैम आ चुके थे. ये तीनों डब्ल्स में आए थे।

2015 में उन्हें हिंगिस का साथ मिला जिसने उनके खेल को और निखारा. इन दोनों ने एक-दूसरे की कमजोरी को कवर किया और ऐसी जोड़ी बनाई जिसे हराना आसान नहीं था.हिंगिस का शानदार नेटप्ले और सानिया के शार्प रिटर्न्स के साथ-साथ बेसलाइन स्ट्रोक प्ले ने इस जोड़ी को घातक बना दिया था. 2015 सानिया के करियर का बेहतरीन साल रहा क्योंकि इस साल उनका डब्ल्स में जीत-हार का रिकॉर्ड 65-12 था. इस जोड़ी ने साथ में मिलकर इसी साल रैंकिंग में नंबर-1 का स्थान हासिल किया. 2016 में हालांकि ये जोड़ी टूट गई और फिर सानिया ने उस तरह की सफलता नहीं देखी जो इस साल देखी थी।

क्यों टूटी जोड़ी?

2016 में इस जोड़ी में दरार पड़ गई थी और अगस्त में इस जोड़ी ने अलग होने का फैसला किया. इसका कारण बताया गया कि ये जोड़ी बीते पांच महीनों में अच्छा नहीं खेल पा रही थी. 2016 सीजन की शुरुआत में इस जोड़ी ने चार खिताब जीते थे. लेकिन इसी साल ये जोड़ी अपना विंबलडन खिताब नहीं जीत सकी और इस जोड़ी में वो लय नजर नहीं आ रही थी जो एक समय देखी जाती थी.रियो ओलिंपिक-2016 में इस जोड़ी ने साथ में हिस्सा लिया लेकिन इसके बाद अलग हो गए.उस समय कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि दोनों के बीच मिक्स्ड डबल्स के पार्टनर को लेकर मनमुटाव हैं. लेकिन कारण कुछ भी हो, सैनटिना की जोड़ी आखिरकार टूट गई थी।

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