पसंदीदा संगीत सुनने से कम होगा अल्जाइमर का असर, शोध में दावा

पसंदीदा संगीत सुनने से अल्जाइमर के रोगियों में सुधार देखा गया है। एक शोध में इसका खुलासा हुआ है। टोरंटो विश्वविद्यालय (यू ऑफ टी) और यूनिटी हेल्थ टोरंटो के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है। शोध को जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित किया गया है। अल्जाइमर के रोगियों को इसका काफी फायदा होगा।

शोधकर्ताओं ने कहा कि आमतौर पर अल्जाइमर रोगियों में सकारात्मक मस्तिष्क परिवर्तन दिखाना बहुत मुश्किल होता है। हालांकि यह अभी तक का उत्साहजनक परिणाम है। संगीत सुनने के बाद रोगियों में सुधार हुआ है। इसमें भी पसंदीदा संगीत सुनने से मरीजों में और सुधार देखा गया। उन्होंने यह भी कहा कि डिमेंशिया वाले लोगों के लिए संगीत के चिकित्सीय प्रयोग शोध के द्वार खोलते हैं।

डेमेंशिया से ग्रसित मरीजों में यह देखा गया है कि संगीत-आधारित हस्तक्षेपों से उनकी क्षमता में वृद्धि हुई है। इसके साथ ही न्यूरो साइकोलॉजिकल परीक्षणों में भी उनके स्मृति प्रदर्शन में वृद्धि के साथ मस्तिष्क के तंत्रिका मार्गों में परिवर्तन पाया गया। डॉ. माइकल थॉट शोध के वरिष्ठ लेखक और कनाडा में संगीत और स्वास्थ्य विज्ञान अनुसंधान सहयोग के निदेशक ने बताया कि आगे चलकर इसका और फायदा होगा।

अध्ययन में 14 प्रतिभागियों को शामिल किया
शोधकर्ताओं की टीम ने अध्ययन के लिए 14 प्रतिभागियों को शामिल किया। इनमें आठ गैर-संगीतकार और छह संगीतकार थे। इन सभी को तीन सप्ताह तक दिन में एक बार संगीत सुनाया गया। प्रतिभागियों को संगीत सुनने से पहले और बाद में एमआरआई से गुजरना पड़ा। उन्हें पुराने और नए संगीत सुनाए गए। जब प्रतिभागियों ने नए गाने सुने तो उनके मस्तिष्क में कुछ गतिविधियां हुईं। ये गतिविधियां सुनने के अनुभव पर केंद्रित थी। हालांकि जब प्रतिभागियों को पुराने या पसंदीदा गाने सुनाए गए तो उनके प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में महत्वपूर्ण सक्रियता दर्ज की गई। यही परिणाम शोधकर्ताओं के लिए उत्साहजनक साबित हुआ।

सूक्ष्म, लेकिन विशिष्ट अंतर दिखा 
शोधकर्ताओं ने गैर-संगीतकारों के सापेक्ष संगीतकारों में संगीत सुनने से मस्तिष्क में सूक्ष्म, लेकिन विशिष्ट परिवर्तन देखा गया। हालांकि इन निष्कर्षों को सत्यापित करने के लिए आगे और अध्ययन की आवश्यकता है। हालांकि प्रमुखता के साथ बार-बार संगीत के संपर्क में आने से सभी प्रतिभागियों में सुधार देखा गया।

तंत्रिका कनेक्टिविटी पर असर 
डॉ. थॉट ने बताया कि हमारे पास मस्तिष्क से संबंधित नए सुबूत हैं। उन्होंने बताया कि संगीत तंत्रिका कनेक्टिविटी को उन तरीकों से उत्तेजित करता है, जो उच्च स्तर के कामकाज को बनाए रखने में मदद करते हैं। शोधकर्ताओं की टीम ने अध्ययन में प्रतिभागियों के तंत्रिका मार्गों में संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तनों की सूचना दी। खासकर प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में (मस्तिष्क का नियंत्रण केंद्र), जहां गहरी संज्ञानात्मक प्रक्रियाएं होती हैं। डॉ. थॉट शोध के वरिष्ठ लेखक और कनाडा में संगीत और स्वास्थ्य विज्ञान अनुसंधान सहयोग के निदेशक हैं।

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