बिहार में स्नातक उत्तीर्ण 53 हजार 600 छात्राओं को प्रोत्साहन राशि के लिए शिक्षा विभाग के 134 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को वित्त विभाग से हरी झंडी मिल गई है। जल्द ही प्रोत्साहन राशि इन छात्राओं के बैंक खाते में जाएगी। प्रोत्साहन राशि सरकारी के साथ ही वित्त रहित मान्यता प्राप्त कॉलेजों से 2018 के बाद स्नातक पास छात्राओं को दी जाएगी। लेकिन वीर कुंवर सिंह, जयप्रकाश नारायण और मगध विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण तीनों विवि के मान्यता प्राप्त कॉलेजों की छात्राओं का सत्यापन नहीं हो पाया है।
शिक्षा विभाग ने तीनों विश्वविद्यालयों की लापरवाही को गंभीरता से लिया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमार ने इस विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को राज्य उच्च शिक्षा परिषद की बैठक में तलब किया है। उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि उन्हें हाथों-हाथ सत्यापन करवाकर देना होगा, नहीं तो उन पर कार्रवाई होगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत स्नातक पास सभी कोटि की छात्राओं को राज्य सरकार के कल्याण विभाग द्वारा एक मुस्त 25000 रुपये की राशि दी जाती है। हालांकि एक अप्रैल 2021 के बाद स्नातक उत्तीर्ण छात्राओं के लिए योजना की राशि दोगुनी यानी 50 हजार मिलनी है।
दो लाख छात्राओं को प्रोत्साहन राशि देना बाकी
विभिन्न विश्वविद्यालयों से स्नातक उत्तीर्ण लगभग सवा दो लाख छात्राओं ने प्रोत्साहन राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है। पिछले माह 14 हजार 400 छात्राओं को लगभग 35 करोड़ दिए गए थे। इसके पहले भी 11 हजार से अधिक छात्राओं को राशि दी जा चुकी है। अब भी लगभग दो लाख छात्राओं को प्रोत्साहन राशि देना बाकी है। स्नातक प्रोत्साहन योजना में विवाहित और अविवाहित दोनों ही छात्राओं को राशि दी जाती है। आवेदन करने वाली छात्राओं की विश्वविद्यालय और शिक्षण संस्थानों के माध्यम से सर्टिफिकेट की जांच के बाद प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से बैंक खाता में देने का प्रावधान है। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से स्नातक पास 2.20 लाख छात्राओं को 550 करोड़ की राशि देनी थी। अब भी लगभग 1.90 लाख छात्राओं को प्रोत्साहन राशि देना बाकी है।