लोकसभा में शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी गई जिसमें केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। इस संस्थान का नाम सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 15 अगस्त को घोषणा की थी कि लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद 370 हटने का एक सुखद संकेत भी है। पहले लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया और अब वहां केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
प्रधान ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में 2500 विद्यार्थियों के पढ़ने की व्यवस्था रहेगी। विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद वहां के विद्यार्थियों का देश के साथ भावनात्मक एकीकरण होने में मदद मिलेगी।
पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर चल रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच निचले सदन ने ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 को मंजूरी दे दी ।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिस पर 750 करोड़ रुपये लागत आने की बात कही गई थी। इस विश्वविद्यालय का पहला चरण चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 विभिन्न राज्यों में शिक्षा और अनुसंधान के लिये विश्वविद्यालयों की स्थापना करने, उनके नियमन, उनसे संबंधित विषयों को अधिनियमित करने का उपबंध करने के लिये बनाया गया था।
इसमें कहा गया है कि केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है, इसलिये सरकार ने वहां एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निश्चय किया है।
विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा।
इसमें कहा गया है, ”केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 अन्य बातों के साथ केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में संशोधन करने के लिये है जिससे केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख में ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिये उपबंध किया जा सके।”