निजीकरण की प्रक्रिया से गुजर रही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने अपने एलपीजी ग्राहकों के लिए एक नया प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए एलपीजी ग्राहकों को सब्सिडी दी जाएगी।
एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने के शर्त पर बताया, “यह स्पष्ट कर दिया गया है कि जो कोई भी बीपीसीएल का अधिग्रहण करेगा उसे सरकार की एलपीजी योजना चलानी होगी। सरकार सब्सिडी का बोझ वहन करेगी।” अधिकारी ने आगे बताया कि सब्सिडी की प्रक्रिया को अलग रखना होगा। इसके लिए बीपीसीएल द्वारा एक मंच और तंत्र विकसित किया गया है, इसी प्लेटफॉर्म पर सब्सिडी की योजना चलेगी। आपको बता दें कि सरकार एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी देती है। ये सब्सिडी सीधे ग्राहकों के खाते में दी जाती है।
सरकार बेच रही पूरी हिस्सेदारी: सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। इसके लिये तीन रुचि पत्र प्राप्त हुए हैं। इसमें एक रुचि पत्र उद्योगपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह का है। वेदांता समूह के अलावा, दो अमेरिकी फंड-अपोलो ग्लोबल और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल ने भी बीपीसीएल में दिलचस्पी दिखाई है।
निजीकरण में देरी की आशंका: इस बीच, रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने कहा है कि जटिल प्रक्रिया की वजह से बीपीसीएल के निजीकरण में देरी हो सकती है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘बोलीदाता जांच-पड़ताल का काम कर रहे हैं। लेकिन बोलीदाता समूह और मूल्यांकन समेत जटिल प्रक्रियाओं को देखते हुए निजीकरण में विलंब हो सकता है।’’
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि आगे कोविड-19 की तीसरी लहर और वैश्विक तेल तथा गैस कंपनियों के ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव पर ध्यान केंद्रित करने से क्षेत्र में संभावित बड़े अधिग्रहण के समय और मूल्यांकन को लेकर अनिश्चितता दिखाई दे रही है।’’ फिच ने बीपीसीएल को नकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी -’ रेटिंग दी हुई है।