रिकी पोंटिंग ने ‘मंकीगेट’ स्कैंडल को बताया कप्तानी का सबसे खराब पल


ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तान रिकी पोटिंग ने 2008 में भारत के खिलाफ सीरीज के दौरान हुए ‘मंकीगेट’ स्कैंडल को अपनी कप्तानी का सबसे खराब क्षण करार दिया है। इस स्कैंडल के चलते भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा बीच में ही रद्द होने के कगार पर पहुंच गया था। वर्ष 2008 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान सिडनी में हुए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर एंड्रयू सायमंड्स के बीच कहासुनी हो गई थी और कुछ अपशब्दों का प्रयोग भी किया गया था। 

इस टेस्ट में सचिन तेंदुलकर और हरभजन बल्लेबाजी कर रहे थे। हरभजन ने इस दौरान सचिन को कई बार कहा था कि सायमंड्स उनके साथ स्लेजिंग कर रहे हैं। लेकिन सचिन ने हरभजन को बल्लेबाजी पर ध्यान लगाने के लिए कहा। 

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इस दौरान ऐसी स्थिति पहुंच गई, जब हरभजन और सायमंड्स के बीच कहासुनी हो गई और पोंटिंग ने अंपायर के पास जाकर शिकायत की कि हरभजन ने सायंड्स को मंकी कहा है। दिन की समाप्ति के बाद मैच रेफरी ने हरभजन पर लेवल तीन अपराध के उल्लंघन का आरोप लगाया और उन पर तीन टेस्टों का प्रतिबंध लगा दिया। इस मामले से भड़की भारतीय टीम ने अपना दौरा रोकने और भारत लौटने का फैसला किया। लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष के हस्तक्षेप से दौरा जारी रहा। 

सचिन ने शतक और हरभजन ने अर्धशतक बनाया। भारत इस मैच में अंतिम दिन हारा, क्योंकि कई फैसले भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ गए। कप्तान अनिल कुंबले ने मैच की समाप्ति के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिर्फ एक ही टीम खेल भावना से खेल रही थी। कुंबले के इन शब्दों ने पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम पर ही सवाल खड़े कर दिए थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इन शब्दों की गूंज सुनायी दी थी। 

लगभग एक महीने के बाद इस मामले पर सुनवाई पूरी हुई और हरभजन पर नस्लभेदी टिप्पणी के आरोप साबित नहीं हो पाए। इस मामले में सचिन की गवाही बहुत ही महत्वपूर्ण रही। हरभजन से प्रतिबंध हटाया गया और अपशब्दों के इस्तेमाल के लिए उन पर मैच फीस के 50 फीसदी का जुमार्ना हुआ। सायमंड्स इस नतीजे से संतुष्ट नहीं थे और इसके खिलाफ अपील करना चाहते थे लेकिन उन्हें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से मदद नहीं मिली। इस घटना के बाद सायमंड्स का करियर लगभग समाप्त ही हो गया। भारत ने अगला टेस्ट 72 रन से जीता और सीरीज ऑस्ट्रेलिया के नाम 2-1 से रही। 

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पोंटिंग ने कहा, “2005 में एशेज सीरीज हारना बड़ा झटका था लेकिन उस सीरीज में परिस्थितियों पर मेरा नियंत्रण था जबकि मंकीगेट स्कैंडल के समय मेरा हालात पर कोई नियंत्रण नहीं था और यह मेरी कप्तानी का सबसे खराब क्षण था। यह विवाद काफी समय तक चला और मुझे याद है कि एडिलेड टेस्ट के दौरान मैंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों से इस संबंध में बात की क्योंकि इस मैच के बाद मामले की सुनवाई होनी थी।”

 उन्होंने कहा, “मंकीगेट स्कैंडल मामले के बाद टीम में सभी लोग हताश हो गए थे और इसके कारण अगले मुकाबले में इसका टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ा था। पर्थ टेस्ट में हम जीत की कगार पर थे, लेकिन हमें इस मैच में हार का सामना करना पड़ा और इसके कुछ दिनों बाद हालात बिगड़ते चले गए।”

रिकी पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने दो बार विश्वकप जीता लेकिन उनकी कप्तानी में उसे 2005, 2009 और 2010-11 में हुई एशेज सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। पोंटिंग ने कहा, “2005 में सभी को लगा था कि हम इंग्लैंड को हरा देंगे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।”

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