इससे अफगानिस्तान आर्मी को तालिबान लड़ाकों पर हमला करने में मुश्किलें आ रही हैं। असल में तालिबान ने मध्य अफगानिस्तान में स्थित गजनी शहर को घेर लिया है। इसके बाद वो आम नागरिकों के घरों पर कब्जा करके यहां से सुरक्षा बलों पर हमले कर रहा है। गौरतलब है कि अमेरिकी सेना 31 जुलाई तक अफगानिस्तान को छोड़कर चली जाएगी।
इस बात की घोषणा होने के साथ ही तालिबान ने यहां हिंसा और मारकाट शुरू दी थी। गजनी की प्रांतीय परिषद के सदस्य हसन रेजाई ने कहा कि गजनी की स्थिति काफी ज्यादा खराब है। तालिबान आम नागरिकों के घरों को अपना ठिकाना बना रहा है। इससे अफगान सुरक्षा बल को उनके खिलाफ कार्रवाई करने में मुश्किलें आ रही हैं। उधर तालिबान और अफगान सरकार के बीच शांतिवार्ता कतर की राजधानी में चल रही है।
हालांकि आधिकारिक जानकारियों के मुताबिक इसमें बहुत ज्यादा प्रगति नहीं है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है दोनों पक्षों के बीच कांधार के दक्षिणी प्रांत में तेज संघर्ष जारी है। बताया जाता है कि यह वो इलाका है जहां पर पारंपरिक रूप से तालिबान की पकड़ मजबूर रही है। अफगानिस्तान के पूर्व सांसद हामिद ललाय जो कि सुरक्षा बलों की तरफ से तालिबान के खिलाफ संघर्ष में शामिल हैं, बताते हैं कि गजनी काबुल और कांधार के बीच मुख्य रास्ता है। पिछले चार दिन से तालिबान कांधार शहर पर पश्चिमी तरफ से हमला कर रहा है। उन्होंने कहा कि अफगान सुरक्षा बल और विशेष बल तालिबान को पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।