भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की उपलब्धियों की लिस्ट काफी लंबी है। धोनी दुनिया के इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को तीन आईसीसी ट्रॉफी दिलाई हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है। दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में शुमार धोनी को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिए हुए लगभग एक साल हो गया है। धोनी ने अपने करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था। इस मैच में वे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि धोनी इंटरनेशनल करियर के आखिरी मैच की तरह ही अपने डेब्यू मैच भी रन आउट ही हुए थे।
बता दें कि धोनी ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 23 दिसम्बर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ किया था। चटगांव में खेले गए इस मैच में भारत की तरफ से मोहम्मद कैफ ने 111 गेंदों पर सर्वाधिक 80 रनों की पारी खेली थी। डेब्यू मैच में सातवें नंबर पर बैटिंग करने उतरे धोनी पहली गेंद पर शॉट खेलने के बाद रन लेने के लिए दौड़ते हैं, लेकिन नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े कैफ उन्हें रन लेने से मना कर देते हैं, जिससे धोनी बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट जाते हैं।
इस मैच को लेकर कैफ ने कई सालों बाद खुलासा किया और बताया था कि उन्होंने पारी खत्म होने के बाद रन आउट के लिए धोनी से सॉरी भी कहा था, जिस पर उन्होंने मुस्कुराकर ऐसा अहसास कराया कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं है। 2004 में डेब्यू करने के बाद धोनी ने बहुत कम समय में अपनी विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी के दम पर नेशनल टीम में जगह पक्की कर ली।
2007 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के पहले राउंड में ही बाहर होने के बाद धोनी को पहली बार उसी साल आयोजित किए गए टी-20 वर्ल्ड कप के लिए कप्तानी सौंपी गई। यहां धोनी को कई अनुभवी खिलाड़ियों का साथ मिला। यहां गैर अनुभवी धोनी की कप्तानी वाली टीम ने इतिहास रचते हुए वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया। बाद में धोनी को वनडे और टेस्ट टीम की भी कप्तानी सौंपी गई। इसके बाद धोनी अपनी करिश्माई कप्तानी के दम पर टीम इंडिया को एक अलग मुकाम पर ले गए।