बाढ़-तूफान और अब महामारी, उत्तर कोरिया में पड़ने वाला है अकाल? तानाशाह ने लोगों को किया आगाह

सीमा बंद होने से व्यापार ठप पड़ा, फिर तूफान और बाढ़ ने मारा और अब कोरोना संकट ने उत्तर कोरिया की कमर तोड़ दी है। इस बीच उत्तर कोरिया  के तानाशाह शासक किम जोंग उन ने देश में खाद्य संकट की आशंका को लेकर आगाह किया और लोगों से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगायी पाबंदियों का समर्थन करने का आह्वान किया। किम ने चरमराती अर्थव्यवस्था को बचाने की राष्ट्रीय कोशिशों पर चर्चा के लिए एक प्रमुख राजनीतिक सम्मेलन में यह बात कही।

उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने बुधवार को कहा कि किम जोंग उन ने इस पर चर्चा का आह्वान किया कि उत्तर कोरिया को मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात से कैसे निपटना चाहिए। हालांकि, उसने

कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सीमाएं बंद होने के कारण चीन से व्यापार रुकने और पिछली गर्मियों में बार बार तूफान और बाढ़ आने के कारण फसलें बर्बाद होने से उत्तर कोरिया की पहले से अस्थिर अर्थव्यवस्था और अधिक चरमा गई है। उत्तर कोरिया में हालात का आकलन करने वाले पर्यवेक्षकों ने अभी भुखमरी के संकेत नहीं दिए हैं लेकिन कुछ विश्लेषकों का कहना है कि परिस्थितियां इस ओर बढ़ सकती हैं।

दक्षिण कोरिया के एक सरकारी थिंक टैंक कोरियन डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने पिछले महीने कहा था कि उत्तर कोरिया को इस साल करीब दस लाख टन अनाज की कमी का सामना करना पड़ सकता है। सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की पूर्ण बैठक के दौरान मंगलवार को किम ने अधिकारियों से कृषि उत्पादन बढ़ाने के तरीके ढूंढने का अनुरोध करते हुए कहा कि देश में खाद्य पदार्थ की स्थिति तनावपूर्ण हो रही है।

केसीएनए ने कहा कि किम ने देश को कोरोना वायरस मुक्त बनाने का आह्वान करते हुए यह संकेत दिए कि अर्थव्यवस्था पर दबाव के बावजूद महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा। विशेषज्ञों को उत्तर कोरिया के इस दावे पर गहरा संदेह है कि देश में कोविड-19 का एक भी मामला नहीं आया।

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