जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन अटैक के बाद UN में बोला भारत, यह पाकिस्तान पर लगाम कसने का वक्त

जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन अटैक का मामला सामने आने के बाद अब भारत ने संयुक्त राष्ट्र में भी इस मसले को उठाया है। भारत के मिशन ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भविष्य में ड्रोन के इस्तेमाल समेत कई तरह की तकनीकों के जरिए आतंकी हमलों का खतरा है। इन पर लगाम कसने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। यही नहीं भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक्शन लेने की अपील की है। गृह मंत्रालय में आंतरिक सुरक्षा विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी वीएसके कौमुदी ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ नफरत से भरा एजेंडा फैलाने और आतंकी संगठनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

कौमुदी ने अंतरराष्ट्रीय जगत से अपील करते हुए कहा कि यह सही समय है, जब हमें पाकिस्तान से कहना चाहिए कि वह अपनी जमीन पर आतंकी संगठनों को पोषित करना बंद करे। सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में सदस्य देशों की आंतकरोधी एजेंसियों के प्रमुखों की कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कौमुदी ने यह बात कही। भारतीय अधिकारी ने पाकिस्तान के प्रोपेगेंडे पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जैसे कि हमें अनुमान था, पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ गलत नैरेटिव गढ़ना और आधारहीन आरोप लगाना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तान पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘एक ऐसा देश जो अपने ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा करता है और उन्हें असुरक्षित माहौल में रखता है। वह भारत के खिलाफ नफऱत पैदा करता है। उससे आखिर इससे ज्यादा उम्मीद भी क्या की जा सकती है।’ यही नहीं मंगलवार को एक बार फिर से इस मुद्दे पर बात करते हुए भारतीय अधिकारी वीएसके कौमुदी ने कहा, ‘आज इंटरनेट जैसी सूचना तकनीकों का गलत इस्तेमाल हो रहा है। सोशल मीडिया से प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है। इसके जरिए लोगों की भर्ती हो रही है और उन्हें रैडिकल बनाया जा रहा है।’ इसके अलावा उन्होंने नए पेमेंट मेथ्ड्स, क्राउड  फंडिंग आदि का इस्तेमाल कर आतंकवाद और उसे पोषित करने वाले लोगों को मदद की जा रही है।

ड्रोन से खतरे का भी किया जिक्र, कहा- इनसे निशाना बनाकर किए जा रहे हमले
यही नहीं ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल आतंकी हमलों में किए जाने को लेकर भी भारत ने चिंता जताई। जम्मू में ड्रोन अटैक के ठीक दो दिन बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, ‘आसानी से उपलब्ध होने और सस्ता विकल्प होने के चलते एरियल और सब-सर्फेस प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल इंटेलिजेंस कलेक्शन, हथियारों और विस्फोटक की डिलिवरी और निशाना बनाकर हमलों के लिए भी किया जा सकता है।’

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