मध्य प्रदेश में पिछले सप्ताह शुरू हुए राजनीतिक उठापटक का दूसरा हिस्सा सोमवार को शुरू हुआ। 26 मई को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के 6 मंत्री सहित 17 विधायक बेंगलुरु पहुंच गए। ये सभी लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के बताए जा रहे हैं। सरकार के संकट में आने की खबर मिलते ही सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात कर मुख्यमंत्री कमलनाथ तुरंत भोपाल पहुंच गए और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के साथ देर शाम उनकी मीटिंग हुई।संकट दूर करने में जुटी कांग्रेस की ओर से संकेत मिल रहे हैं कि ज्योतिरादित्य को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बनाकर पार्टी इस मसले का समाधान निकाल सकती है।
दूसरी तरफ, कमलनाथ सरकार को संकट में घिरता देख बीजेपी ने कल अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि बीजेपी विधायकों की मीटिंग में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर मुहर लग सकती है। 16 मार्च से शुरू होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन ही बीजेपी कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को मतदान होने हैं और संकेत मिल रहे थे पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया की उम्मीदवारी पर विचार नहीं कर रही है। हालांकि, अब जबकि सरकार संकट में फंसती दिख रही है तो पार्टी इस मसले पर नए सिरे से सोच सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ से जब सोमवार को यह सवाल पूछा गया कि क्या पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा उम्मीदवार बनाएगी, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।