दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पांच दिन की देरी के बाद, मंगलवार को पूरे देश में छा गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पूरे देश में आठ जुलाई को पहुंच जाता है। सोमवार को मॉनसून दिल्ली को तरसता छोड़कर अपने आखिरी पड़ाव जैसलमेर और गंगानगर जिलों तक पहुंच गया था।
इससे पहले साल 2019 में मॉनसून 19 जुलाई को पूरे देश में पहुंचा था। हालांकि, ऐसे भी कई मौके आए जब मॉनसून के पूरे देश में पहुंचने रिकॉर्ड देरी हुई हो। उदाहरण के लिए साल 2002 में मॉनसून 15 अगस्त तक पूरे देश में पहुंचा था।
मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अनेक हिस्सों में बारिश हुई जिसके बाद मौसम विभाग ने मॉनसून के दिल्ली आगमन की घोषणा कर दी। दिल्ली में मॉनसून ने पूरे 16 दिनों की देरी से दस्तक दी है। मौसम विभाग ने 27 जून को मॉनसून के दिल्ली पहुंचने की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, साल 2002 में दिल्ली में मॉनसून की दस्तक 19 जुलाई को हुई थी।
आईएमडी ने कहा, ‘पिछले चार दिन से बंगाल की खाड़ी से नमी वाली पुरवाई हवाओं के चलने से बादलों का दायरा बढ़ गया और कई स्थानों पर बारिश हुई। दक्षिण पश्चिम मॉनसून आगे बढ़ गया है और दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बाकी स्थानों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत देश के बाकी बचे हिस्सों में दस्तक दे चुका है।