दिल्ली की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा (Manjinder Singh Sirsa) और चार अन्य को नवंबर 2012 में यहां गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में दंगा करने के एक मामले में मंगलवार को बरी कर दिया।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) की बैठक के दौरान दंगा करने और दूसरों को चोट पहुंचाने के आरोपियों सिरसा, मंजीत सिंह जीके, कुलदीप सिंह भोगल, परमजीत सिंह राणा और चमन सिंह को बरी कर दिया।
सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) और 427 (ऐसी कोई कुचेष्टा, जिससे पचास रुपए या उससे अधिक की हानि या नुकसान हो) आदि के तहत आरोप लगाए गए थे।
अदालत ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अभियोजन पक्ष आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोपों को साबित करने में विफल रहा है और इस प्रकार आरोपी व्यक्तियों को उक्त अपराधों के लिए बरी किया जाता है।