श्रीनगर का ट्रेलर अपने आप में पूरी फिल्म है !
किसी भी फिल्म का मकसद या तो एंटरटेनमेंट करना होता है या फिर एक मैसेज देना. यहां बात भले ही शिकारा की हो या फिर श्रीनगर की, दोनों ही फिल्मों का मकसद एंटरटेनमेंट नहीं, बल्कि मैसेज देना है. ये बताना है कि आखिर कश्मीरी पंडितों के साथ क्या-क्या हुआ था. अगर आप श्रीनगर का ट्रेलर भर पूरा देख लें, वो भी पूरे ध्यान के साथ, तो समझ लीजिए कि आपने पूरी फिल्म देख ली. फिल्म किया दिखाना चाहती है, मैसेज क्या है, कश्मीरी पंडितों के साथ क्या-क्या हुआ, उन्हें कश्मीरी मुस्लिमों ने किस कदर परेशान किया, ये सब कुछ वसीम रिजवी ने श्रीनगर फिल्म के ट्रेलर में ही बयां कर दिया है.