भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज का तीसरा मैच 24 फरवरी से अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में खेला जाएगा। मोटेरा के मैदान पर यह पहला इंटरनेशनल मुकाबला होगा। इसके साथ ही भारत और इंग्लैंड की टीम पहली बार एक दूसरे के खिलाफ पिंक बॉल से डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने उतरेंगी। सीरीज के नतीजे के लिहाज से इस मुकाबले को काफी अहम माना जा रहा है। टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने प्रेस क्रॉन्फ्रेंस में कहा था कि मोटेरा की पिच भी चेपॉक की पिच की तरह ही होगी और स्पिन गेंदबाजों को टर्न मिलेगा। इसी बीच, इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने भी रोहित की बात पर हामी भरी है और माना कि पिच चेन्नई टेस्ट की तरह ही खेल सकती है।
स कॉन्फ्रेंस में बात करते हुए कहा, ‘पिच पर अभी घास है लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि जब हम मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरेंगे तो पिच पर यह घास नहीं होगी। इसलिए हमें इंतजार करना होगा। एक तेज गेंदबाज होने के नाते हमें हर तरह की परिस्थितियों में अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने के लिये तैयार रहना होगा। अगर स्विंग मिलता है तो यह शानदार होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो हमें तब भी अपनी भूमिका निभानी होगी।’ इंग्लैंड की टीम को दूसरे टेस्ट मैच में भारत के खिलाफ 317 रनों से हार का सामना करना पड़ा था और अश्विन और अक्षर पटेल की स्पिन जोड़ी के खिलाफ इंग्लिश बल्लेबाज पूरी तरह से बेबस नजर आए थे।
एंडरसन ने कहा कि उन्होंने गुलाबी एसजी गेंद से नेट सेशन के दौरान गेंदबाजी की और उन्हें लगता है कि यह लाल एसजी गेंद की तुलना में अधिक स्विंग करती है। उन्होंने कहा, ‘ह भारत में गुलाबी गेंद से दूसरा और फरवरी में पहला टेस्ट मैच होगा। इसलिए हम नहीं जानते कि यह कैसे व्यवहार करेगी।’ एंडरसन ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की रोटेशन नीति का बचाव करते हुए कहा, ‘आपको व्यापक तस्वीर पर गौर करना चाहिए। इसके पीछे विचार यह था कि अगर मैं उस टेस्ट (दूसरे मैच) में नहीं खेल पाया तो इससे मुझे पिंक बॉल से होने वाले टेस्ट के लिए अधिक फिट होकर मैदान पर उतरने का मौका मिलेगा।’ केविन पीटरसन सहित कई पूर्व खिलाड़ियों ने ईसीबी की नीति की आलोचना की और कहा कि उसे भारत के खिलाफ इस बड़ी सीरीज में अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी उतारने चाहिए।