गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की संकलन समिति और संसदीय बोर्ड की बैठक प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के नेतृत्व में आयोजित की गयी थी। जिसमें पार्टी से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए गए। साथ ही कई निर्णय ऐसे रहे है, जिन्हें सुनकर हर कार्यकर्ता हैरान सा रह गया।
इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह रहा कि अब 60 साल से ज्यादा उम्र वाले नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा। इसके साथ ही जो कॉर्पोरेटर और पदाधिकारी तीन टर्म में पद रहे हैं, उनके सगे-संबंधियों को भी टिकट नहीं दिया जाएगा।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल द्वारा संसदीय बोर्ड में लिए गए निर्णयों की घोषणा करते ही कहीं ख़ुशी और कहीं गम वाला माहौल रहा। साथ ही जिन युवा कार्यकर्ताओं और कभी भी पार्टी द्वारा लाभ न पाने वाले दावेदारों में खुशी छा गई। बताया जा रहा है कि इस निर्णय से सूरत में 40 से 50 फीसदी सिटिंग कार्पोरेटरों का पत्ता कट जाएगा। कुछ कार्यकर्त्ता इस दांव को धोबी पछाड़ करार दे रहे हैं। क्योंकि उनका मानना है कि प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी में जारी गुटबाजी को अपने एक ही दांव से चित्त कर दिया है।
गौरतलब है कि, पहले भी सीआर पाटिल ने पेज कमेटी के एक कार्यक्रम में कहा था कि 55 साल से अधिक उम्र के कार्यकर्ता टिकट न मांगें। जिसके चलते पार्टी में तनातनी का माहौल बन गया था।
इसके बाद संकलन बैठक में विधायकों ने विरोध करते हुए कहा था कि 55 साल से अधिक उम्र लोगों को कोई पद नहीं मिलेगा तो क्या करेंगे? हालांकि, बाद में विधायको को अनेक समितिओं में पदाधिकारी बनाए जाने की मांग में राजी हो गए थे।