डेनियल पर्ल की हत्या जैसे अपराधों के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की 2002 में की गई नृशंस हत्या में शामिल लोगों को बरी किए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि इस प्रकार के अपराधों की जवाबदेही तय करना महत्वपूर्ण है।

कराची में 2002 में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे। इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी।

पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने ब्रिटेन में जन्मे अलकायदा के आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख को पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया था।

उच्चतम न्यायालय ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को भी रिहा करने का आदेश दिया। शेख को बरी किए जाने संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, ”इस प्रकार के अपराधों के लिए जवाबदेही तय किया जाना महत्वपूर्ण है।”

अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि न्याय का पूरी तरह से मजाक बना दिया गया है। अमेरिका ने भी इस फैसले की आलोचना की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने पर्ल के परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करने की नए बाइडन प्रशासन की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बातचीत की और अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों की जवाबदेही तय किए जाने पर चर्चा की। ब्लिंकन ने पाकिस्तान से अपील की कि वह पर्ल के हत्यारों को न्याय के दायरे में लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करे।

अमेरिका के कार्यवाहक अटॉर्नी जनरल मोंटी विल्किंसन ने उमर शेख को बरी किए जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा, ”हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों की रिहाई डेनियल पर्ल के परिवार, दुनियाभर में आतंकवाद के अन्य पीड़ितों और न्याय का अपमान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *