वर्क फ्रॉम होम में आपका ट्रैवलिंग का टाइम तो बचता है लेकिन स्लो इंटरनेट आपका एक्सट्रा टाइम खा जाता हैl वहीं, जब आप काम निपटाकर सोने के लिए बेड पर जाते हैं, तो आप आपकी नींद उड़ जाती हैlयह परेशानी सिर्फ आपकी नहीं बल्कि 60 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का यही मानना है
स्लीप सॉल्यूशंस स्टार्टअप द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में लगभग 67 प्रतिशत अधिक लोग हैं, जो लॉकडाउन शुरू होने के बाद रात 11 बजे के बाद सोते हैं। अध्ययन के अनुसार 81 प्रतिशत से अधिक लोगों का मानना है कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनकी नींद का रूटीन कुछ बेहतर होगा, जिसमें 1,500 लोग शामिल थे।
जबकि 46 प्रतिशत लोग लॉकडाउन से पहले रात 11 बजे से पहले सोते थे लेकिन लॉकडाउन के चलते लोगों को देर रात 1-2 बजे तक भी नींद नहीं आतीl वहीं, शोध के आंकड़ों की बात करें, तो लगभग 25 प्रतिशत लोग सामान्य परिस्थितियों में रात में 12 बजे बिस्तर पर जाते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद 35 प्रतिशत ने 12 के बाद बिस्तर पर जाना शुरू कर दिया है। यह बात देर रात सोने वालों में 40 प्रतिशत वृद्धि का संकेत देता है। अध्ययन में कहा गया है कि नौकरी की सुरक्षा, इस समय वित्त पोषण और परिवार / दोस्तों की सुरक्षा के बारे में चिंता और कोरोनावायरस से संबंधित टेंशन की वजह से 49 प्रतिशत लोग सो नहीं पाते।
वर्क फ्रॉम होम में बिस्तर पर जाते ही उड़ जाती है 67 प्रतिशत लोगों की नींद, ये हैं कारण
