सरकारी मंत्रालयों और विभागों ने बीते फाइनेंशियल ईयर में जमकर सामान और सर्विस की खरीदारी की है. इससे जहां छोटे और मझोले उद्योगों को मदद मिली, वहीं देश की इकोनॉमी को भी बूस्ट मिला है. सरकार के ऑनलाइन खरीद पोर्टल ‘गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस’ (GeM) के आंकड़ों के मुताबिक सरकारी खरीद 2 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई।
मोदी सरकार ने सरकारी विभागों की खरीद को आसान बनाने के लिए जेम पोर्टल की शुरुआत की थी. वहीं इस पोर्टल पर छोटे और मझोले उद्योगों के उत्पादों को खरीदने के लिए तरजीह दी जाती है. इससे देश के एमएसएमई सेक्टर को एक ही बार में बड़े ऑर्डर मिलने में मदद होती है।
गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र टॉप पर
जेम पोर्टल के माध्यम से खरीद-बिक्री करने के मामले में सबसे ऊपर गुजरात रहा है. इसके बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश ऐसे राज्य हैं जो इस लिस्ट में टॉप पर हैं. इस पोर्टल पर ऑफिस की स्टेशनरी से लेकर कार, कंप्यूटर और फर्नीचर तक सब मिलता है।
जेम पर 6 करोड़ से ज्यादा सेलर्स हैं जो अपने सामान और सर्विस प्रोडक्ट्स को यहां सेल करते हैं. वहीं इस पर 63,000 से ज्यादा सरकारी खरीदार संगठन भी रजिस्टर हैं. मौजूदा वक्त में सरकारी मंत्रालय, विभाग, पब्लिक सेक्टर की कंपनियां, राज्य सरकारें, केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बलों को इस पोर्टल पर खरीदारी करने की अनुमति है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तारीफ
जेम पोर्टल से होने वाली इस खरीद की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है. पीएम मोदी का कहना है कि जेम इंडिया भारतीय लोगों और उद्योगों की ऊर्जा को दिखाता है. इसने कई नागरिकों को समृद्ध बनाया है, साथ ही अच्छे मार्केट तक पहुंच दी है।
भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बन रहा जेम
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का भी कहना है कि विक्रेताओं और खरीदारों दोनों के लिए जेम पोर्टल एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है. ये हकीकत में ‘भारत का रत्न’ है. वित्त वर्ष 2021-22 में इस प्लेटफॉर्म से 1.06 लाख करोड़ रुपये के सामान और सर्विस खरीदी गई थी।