इमरान खान जब तक सत्ता में रहे वो और उनकी पार्टी लगातार अमेरिका पर हमले करती रही कि वह पाकिस्तान की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश में जुटी है. लेकिन इमरान की यह कोशिश काम न आई और उनकी सरकार गिर गई. हालांकि अब लगता है कि इमरान की अगुवाई वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने अमेरिका पर हमले की अपनी रणनीति बदल दी है और अच्छे रिश्ते बनाने की कवायद में लगी हुई है।
पाकिस्तानी मीडिया में कहा जा रहा है कि इमरान खान अब अमेरिका के नीति निर्माताओं के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं और इस कोशिश में पार्टी की छवि को निखारने के लिए एक और लॉबिंग फर्म के साथ करार किया है।
Praia Consultants के साथ करार
एक दिन पहले कल गुरुवार को सामने आए दस्तावेज से इस बात की जानकारी मिली है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यूएसए ने “संयुक्त राज्य अमेरिका और अमेरिका में पाकिस्तानी लोगों के साथ रिश्तों में सुधार करने और बदलाव लाने के लिए वाशिंगटन स्थित लॉबिंग फर्म, पारिया कंसल्टेंट्स एलएलसी के साथ एक करार पर दस्तखत किए हैं।
फॉरेन एजेंट्स रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत अमेरिकी न्याय विभाग में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, यह करार 21 फरवरी को ही कर लिया गया था. दोनों पक्षों के बीच छह महीने के लिए यह करार किया गया है. पीटीआई यूएसए, अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में स्थित है और यह लॉबिंग फर्म की खास ग्राहकों में से एक है जिसे हर महीने 8,333 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया जाएगा. इसकी कीमत भारतीय रुपये में करीब 6,85,115 रुपये बैठती है।
दोनों के बीच हुए करार के तहत, समझौते की अवधि के दौरान, यह कंपनी संयुक्त राज्य अमेरिका में सरकार और प्रतिष्ठानों के साथ पार्टी के अच्छे संबंधों को लेकर खास तरीके से सलाह प्रदान करेगी।
यही नहीं यह कंपनी अमेरिका में फैसले लेने वाले कई प्रमुख लोगों और संस्थाओं के साथ कई बैठकें आयोजित करेगी. बैठकों को लेकर सामग्री समेत कई चीजों भी मुहैया कराएगी।
पिछले साल Fenton/ Arlook से किया था करार
इसके अतिरिक्त, यह समझौता अगले 6 महीने के लिए यानी 31 जनवरी, 2024 तक बढ़ाया भी जा सकता है. हालांकि इस करार में वृद्धि तभी होगी जब दोनों पक्षों को इस मामले में किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं हो और इस मामले में 30 जून तक स्वीकृति लेनी होगी।
ऐसा नहीं है कि पीटीआई ने पहली बार किसी कंपनी की मदद ली है. पिछले साल पीटीआई ने जनसंपर्क सेवा और सुविधा देने वाली कंपनी पीआर फर्म, फेंटन/ अरलुक (Fenton/ Arlook) को काम सौंपा था, जिसमें पत्रकारों को जानकारी प्रदान करना और खबरों को लेकर ब्रीफिंग करना तथा कई तरह की जनसंपर्क बढ़ाने को लेकर कई अन्य तरह की सेवाएं शामिल थी. Fenton/ Arlook को इसके लिए पीटीआई की ओर से हर महीने 25,000 अमेरिकी डॉलर (20,56,812 भारतीय रुपये) भुगतान किया था।