कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरनेम वाले स्पीच पर दोषी करार दिए गए हैं. सूरत सेशन कोर्ट ने दो साल की सजा भी सुनाई, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई है. इस बीच कांग्रेस नेता एक बार फिर बीजेपी के निशाने पर हैं और कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए राहुल से माफी मांगने को कह रहे हैं. आखिर चार साल पहले राहुल गांधी ने ऐसा क्या बोल गए, जिसने आखिरकार उन्हें जेल के मुहाने ला खड़ा किया।
मामला चार साल पुराना 2019 लोकसभा चुनाव का है. राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में पार्टी की एक विशाल जनसभा तो संबोधित कर रहे थे. इस दौरान वह राफेल केस, भ्रष्टाचार, निजीकरण जैसे मामलों पर मोदी सरकार को घेरने को कोशिश कर रहे थे. कांग्रेस नेता अपने भाषण में देश के बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले कारोबारियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछ रहे थे।
मोदी ने 30 हजार करोड़ अंबानी के पॉकेट में डाल दिया
राहुल ने तब राफेल डील और अन्य कथित घोटाले पर प्रधानमंत्री को डिबेट की चुनौती भी दी. 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अपने भाषण में कांग्रेस नेता अनिल अंबानी की कंपनी को मिले राफेल के ऑफसेट कॉन्ट्रेक्ट की आलोचना कर रहे थे, जहां उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी ने आम जनता का 30 हजार करोड़ अंबानी के पॉकेट में डाल दिया।
नीरव मोदी, ललित मोदी… सभी का सरनेम मोदी कैसे?
अपने भाषण में राहुल गांधी ने भारत के भगोड़े नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे एक बात बताओ कि आखिर… नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी…. ऐसा कैसे मुमकिन है कि सभी का कॉमन सरनेम मोदी है…’ राहुल ने इसके साथ ही पूछा, ‘…उन सभी चोरों का सरनेम मोदी कैसे है?’ कांग्रेस नेता के इसी बयान से सूरत से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी नाराज हो गए. चुंकी उनका सरनेम भी मोदी है… उन्होंने राहुल गांधी पर मानहानी का केस दर्ज करा दिया।
किसी की भावना आहत करने का इरादा नहीं
कांग्रेस नेता ने बाद में साफ किया कि उनका बयान सभी ‘मोदी’ सरनेम वालों के नहीं था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में राहुल गांधी ने कोर्ट में अपना दर्ज कराया था, जहां उन्होंने साफ किया कि ‘मोदी’ सरनेम का जिक्र सिर्फ नरेंद्र मोदी की गलतियां सामने लाने के लिए थी, और किसी समुदाय या किसी व्यक्ति की भावना को ठेस पहुंचाने का उनका इरादा नहीं था. राहुल ने यह भी कहा था कि जहां तक वह जानते हैं मोदी नाम का कोई समुदाय नहीं है।
गुनाह कबूल नहीं किया, अब दोषी पाए गए
राहुल गांधी ने कोर्ट को बताया कि विपक्ष का एक नेता होने के नाते उनका कर्तव्य है कि वह प्रधानमंत्री की गलतियों को सामने लाएं, और यही वजह थी कि उन्होंने पीएम के ‘सरनेम’ पर टिप्पणी की…. लेकिन उनका किसी अन्य ‘मोदी’ की भावना को आहत करने का कोई इरादा नहीं था. इस केस में राहुल गांधी ने ‘गुनाह’ कबूल नहीं किया था और कहा था कि वह बीजेपी विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों का सामने करने को तैयार हैं – जिस मामले में अब सूरत सेशन कोर्ट ने फैसला सुनाया और वह दोषी पाए गए।