2 बार ओलिंपिक चैंपियन, वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा मेडल… किसी भी खिलाड़ी को अपने करियर में और क्या चाहिए. शोहरत, सफलता और जिस सफलता से करोड़ों रुपये भी कमाए, हर खिलाड़ी ऐसा शानदार करियर और लंबा खींचना चाहता है और वो भी उस वक्त, जब उम्र ही काफी कम हो. एथलीट की कोशिश 35 पार होने पर भी खेलने की रहती है, मगर अलेक्जेंड्रे बिलोडो, उन खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने अपना करियर उस समय छोड़ा, जब वो शिखर पर थे।
बिलोडो ने संन्यास उस समय लिया, जब वो सबसे शानदार फॉर्म में थे. उस समय वो जिस भी टूर्नामेंट में उतर रहे थे, खिताब जीतकर ही लौटते थे. 8 सितंबर 1987 को कनाडा में जन्में बिलोडो पूर्व फ्रीस्टाइल स्कीयर हैं. उन्होंने 18 साल की उम्र में ही डेब्यू कर लिया था।
खिताब बचाने वाले पहले खिलाड़ी
डेब्यू के कुछ समय बाद भी बिलोडो दुनियाभर में छा गए. देखते ही देखते वो कनाडा के सबसे सफल स्कीयर बन गए. उन्होंने 2010 और 2014 विंटर ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीता था. वो इस फ्रीस्टाइल स्कीइंग में अपना ओलिंपिक खिताब बचाने वाले इतिहास के पहले खिलाडी बने थे. इतना ही नहीं बिलोडो ने कनाडा के लिए वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा मेडल भी जीते. आज से ठीक 9 साल पहले यानी 21 मार्च 2014 को वो वर्ल्ड कप में उतरे और जीत के साथ इस खेल का अलविदा कह दिया।
करोड़ों रुपये कमाए
संन्यास के वक्त बिलोडो की उम्र महज 26 साल थी. वो उस समय अपने करियर के शिखर पर थे. अभी काफी मेडल आने बाकी थे, मगर संन्यास लेकर उन्होंने हर किसी को हैरान कर दिया. खेल छोड़ने के बाद ओलिंपिक चैंपियन ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और अकाउंटेंट की पढ़ाई की. कम उम्र में ही संन्यास लेने वाले बिलोडो ने तब तक करोड़ों रुपये कमा लिए थे. उनकी नेटवर्थ 11 करोड़ रुपये के करीब है।