कांग्रेस को मुस्लिम उम्मीदवारों से उम्मीद नहीं? कर्नाटक चुनाव में कटेंगे टिकट

दक्षिण राज्य कर्नाटक में वापसी के लिए तरस रही कांग्रेस ने टिकट बंटवारे को लेकर नई रणनीति तैयार की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस ने इस बार चुनाव में ज्यादा मुस्लिमों को टिकट नहीं देने का फैसला किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया है कि इस बार 13 से 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को ही टिकट दिए जाने की संभावना है. जबकि पिछले चुनाव कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय के 17 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।

बताया जा रहा है कि राज्य में कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदायों के उन उम्मीदवारों को सिर्फ उन्हीं विधानसभा सीटों पर टिकट देगी, जहां उनके जीतने की संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिन 17 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, उनमें से 10 को हार का सामना करना पड़ा था।

मुस्लिम नेताओं ने की थी सुरजेवाला से मुलाकात

पार्टी शिगगांव, हुबली-धारवाड़ पश्चिम, रामनगर, विजयपुरा शहर और मंगलुरु उत्तर और दक्षिण सीटों से गैर-अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के विकल्प पर विचार कर रही है. पिछले डेढ़ दशक में इन विधानसभा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मुस्लिम और ईसाई वोटर होने के बावजूद कांग्रेस को कोई रिजल्ट नहीं मिला. इससे पहले राज्य के प्रभारी और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला से मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी और अपने समुदाय के सदस्यों को उनकी आबादी के अनुपात में टिकट देने की मांग की थी.

शिगगांव में 30 फीसदी मुस्लिम आबादी

शिगगांव में 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है. कांग्रेस साल 2004 से अज्जमपीर खदरी को चुनाव लड़ा रही है, लेकिन वह जीतने में असफल रहे हैं. हुबली-धारवाड़ पश्चिम में कांग्रेस बीजेपी विधायक अरविंद बेलाड के खिलाफ एक गैर-मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारने की कोशिश कर रही है. पार्टी ने इससे पहले हुए चुनावों में इस सीट से जब्बार खान होनानली और इस्माइल तमतागर को मैदान में उतारा था, लेकिन दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, कांग्रेस हुबली-धारवाड़ पश्चिम में हुबली-धारवाड़ के पूर्व महापौर दीपक चिंचोरे को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।

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