सयुक्त राज्य अमेरिका ने मैकमोहन लाइन को चीन और अरुणाचल प्रदेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा माना है. अमेरिकी संसद में इसे लेकर एक द्विपक्षीय प्रस्ताव पेश किया गया है. प्रस्ताव के अनुसार अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया है और कहा गया है कि चीन यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी की ओर से सीनेट में यह प्रस्ताव ऐसे समय पेश किया गया जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LOC) पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो चुकी है. बॉर्डर पर स्थिति सामान्य करने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य बैठक भी हो चुकी है।
भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, सीनेट में प्रस्ताव पेश करने वाले सीनेटर बिल हैगर्टी ने कहा, ‘ऐसे समय में जब चीन मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए लगातार गंभीर खतरा पैदा कर रहा है, अमेरिका के लिए यह जरूरी है कि वह इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक भागीदारों, खासकर भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहे।
अमेरिकी सीनेट में पेश किए गए इस प्रस्ताव को चीन के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि यह प्रस्ताव पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) के उस दावे को भी खारिज करता है जिसमें अरुणाचल प्रदेश पीआरसी का क्षेत्र है।
मर्कले ने पीआरसी को एक अलग सोच के साथ आगे बढ़ने वाली सरकार करार देते हुए कहा कि स्वतंत्रता और एक नियम आधारित शासन का समर्थन करने वाले अमेरिकी मूल्यों को हमारे सभी कार्यों और संबंधों को केंद्र में होना चाहिए।