कोरोना वायरस: लॉकडाउन बढ़ा तो मोदी सरकार की तैयारी कितनी?

अगर आप कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट वाले इलाक़े में नहीं रहते हैं और ज़रूरी सामान राशन की दुकान से ख़रीदते हैं तो बहुत मुमकिन है कि आपको अपने पसंदीदा ब्रैंड का सामना आजकल नहीं मिल रहा होगा. कई लोगों की शिकायत है कि मैगी ग़ायब है, कई लोगों का कहना है कि उनके पंसदीदा बिस्किट नहीं मिल रहे हैं.

21 दिन के लॉकडाउन में ज़रूरी सामानों पर तो कोई रोक नहीं थी, लोगों को सामना मिलता भी रहा है. लेकिन चिंता जताई जा रही है कि अगर लॉकडाउन बढ़ा तो आने वाले दिनों में आटा, दाल, पैक्ड फूड जैसी ज़रूरी चीज़ों की किल्लत हो सकती है.

दुकानदारों यानी रीटेलर्स का कहना है कि उनके पास फ़िलहाल चार से पाँच दिन का स्टॉक है. हालांकि कुछ ब्रैंड्स की चीज़ें ख़त्म भी हो चुकी हैं. वहीं इन रिटेलर्स को सामान सप्लाई करने वाले डिस्ट्रिब्यूटर्स का कहना है कि उनके पास दस से पंद्रह दिन का स्टॉक है. लेकिन ट्रांसपोर्ट की दिक़्क़त की वजह से कई जगह डिस्ट्रिब्यूटर्स, रिटेलर्स तक सामान नहीं पहुंचा पा रहे हैं.

दरअसल किसानों से फ़सलें मंडियों तक पहुंचती हैं. वहां से फैक्ट्रियों में जाती हैं. फिर वहां से सामान बनकर पैक होकर होल सेलर के पास पहुंचता है. डिस्ट्रिब्यूटर से फिर रिटेल के पास जाता है. इसे कहते हैं सप्लाई चेन.

लेकिन कई फैक्ट्रियों में उत्पादन रुका हुआ है. जिसका सीधा असर आगे चलकर ग्राहकों यानी हम पर और आप पर पड़ सकता है.

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