कोरोना वायरस: इस देश का पहला मामला लेकिन सबसे ख़तरनाक क्यों

यमन में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद सहायता एजेंसियों ने चिंता ज़ाहिर की है. यमन सालों से गृह युद्ध झेल रहा है जिसके कारण वहां स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद बुरी है.

ग़ैर-सरकारी संस्था ऑक्सफ़ैम ने इसे “बड़ा झटका” कहा है जबकि इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी ने इसे “बुरे सपने जैसी स्थिति ” बताया है.

यमन दुनिया के सबसे बुरे मानवीय संकट के दौर से जूझ रहा है और यहां की एक बड़ी आबादी खाद्य संकट का सामना कर रही है. वो पूरी तरह से खाद्य सहायता पर आश्रित हैं.

यमन में रहने वाले पहले ही हैज़ा, डेंगू और मलेरिया सहित कई बीमारियों से मुक़ाबला कर रहे हैं और सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि यहां के केवल आधे अस्पताल ही पूरी तरह काम करने की स्थिति में हैं.

हूती विद्रोहियों से लड़ रहे सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन के युद्ध विराम की घोषणा के ठीक एक दिन बाद यमन में कोविड 19 के पहले मामले की पुष्टि हुई. गठबंधन सेना का कहना था कि वो कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मदद करना चाहते हैं और शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र की कोशिशों का समर्थन करना चाहते हैं.

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