2016 रियो ओलिंपिक, जब अदिति अशोक काफी पीछे रह गई थी. वो 41वें स्थान पर रही थीं. उस ओलिंपिक में अदिति के कैडी उनके पिता थे. पिता की आंखों के सामने अदिति का दिल टूट गया।
इसके 5 साल बाद टोक्यो ओलिंपिक में अदिति की कैडी उनकी मां बनीं. अदिति इतिहास रचने के काफी करीब पहुंच गई थी. वो मेडल के करीब पहुंच गई थी, मगर चौथा राउंड खत्म होने के बाद वो चौथे स्थान पर फिसल गई. इस बार मां के सामने उनका ख्वाब टूटा।
2 बार दिल टूटने के बाद अदिति ने हार नहीं मानी और अपना कमाल जारी रखा और इसी दमदार प्रदर्शन की बदौलत एक बार फिर वो दुनिया को अपना दम दिखाने में कामयाब रही।
अदिति ने टॉप 100 में फिर से एंट्री कर ली है. उन्होंने रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई. अदिति 195वें से 89वें स्थान पर पहुंच गई. इससे पहले वो 2017 में भी टॉप 100 में पहुंची थी।
सऊदी लेडिज इंटरनेशनल में वो खिताब जीतने से चूक गईं, मगर इस टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन कर उन्होंने रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई. वो दुनिया की नंबर एक गोल्फर के बाद दूसरे स्थान पर रही।