जाको राखे साईयां… भूकंप के 90 घंटे बाद 10 दिन के बच्चे का रेस्क्यू

तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए भीषणतम भूकंप के बाद अभी भी राहत और बचाव कार्य जारी है. प्राकृतिक आपदा में 22 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 50 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं जिनका इलाज किया जा रहा है. हालांकि आपदा के कई दिन बीत जाने के बाद भी जिंदगियां बचाने की कवायद जारी है और इसमें कामयाबी भी मिल रही है. राहतकर्मियों को हादसे के 4 दिन बाद 10 दिन का नवजात शिशु सकुशल मिला जो अपनी मां के साथ मलबे में फंसा हुआ था।

जब नवजात के पास बचावकर्मी पहुंचे तो उसकी आंखें खुली हुई थीं. तुर्की के इस बच्चे का नाम यागिज उलास है, और उसे तुरंत एक चमकदार थर्मल कंबल में लपेटा गया था, उसे शुक्रवार को हटाय प्रांत (Hatay Province) के समनदाग में एक फील्ड मेडिकल सेंटर में ले जाया गया. तुर्की की डिजास्टर एजेंसी की ओर से जारी किए गए वीडियो में दिख रहा है कि बचाव कर्मचारी उसकी मां को स्ट्रेचर के जरिए मेडिकल सेंटर तक ले गए. इस दौरान वह होश में थी।

5 दिन बाद भी बचाव अभियान जारी

हादसे में 5 दिन बीत जाने के बाद भी कई जगहों से छोटे बच्चों को बचाए जाने का सिलसिला जारी है. हादसे में अब तक 22 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. ठंड के बीच मलबे में दबी जिंदगियों को बचाने के लिए दर्जनों देशों की राहत विशेषज्ञ टीमों समेत बचावकर्मियों की ओर से तबाह हो चुके हजारों इमारतों के मलबे से दिन-रात मेहनत की जा रही है।

मां का भी सफल रेस्क्यू

समनदाग के उत्तर में 200 किमी (125 मील) दूर शहर कहारनमारस में, बचावकर्मियों ने एक नवजात को खोज निकाला. इस दौरान नवजात रो रहा था और इस बीच मलबे की धूल उसकी आंखों में गिर गई. बचावकर्ताओं ने उसे कंबल में लपेटने से पहले हल्के हाथों से चेहरा साफ किया।

मलबे से जिंदगियों को तलाशने की कोशिश में बचावकर्मियों ने पहले एक बड़ा सा होल बनाया फिर उसे निकालने के बाद उसके चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगाया और उसे सुरक्षित स्थान पर ले गए. 10 दिन के बेबी यागिज की तरह, भूकंप के 103 घंटे बाद उसकी मां भी सुरक्षित निकाली गई, लेकिन उसे स्ट्रेचर के जरिए ले जाया गया।

लगातार जिंदा बचाए जा रहे लोग

तुर्की और सीरिया में 7.8 और 7.5 तीव्रता के आए भूकंप के दो बड़े झटकों से भारी तबाही हुई है और अब 22 हजार से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

तुर्की के इस्केंदेरुन में बचावक्रमियों ने मलबे के नीचे 101 घंटे तक दबे रहे छह लोगों को शुक्रवार सुबह जिंदा निकाल लिया. जबकि एक किशोर को भी सुरक्षित निकाला गया जो अपना पेशाब पीकर जिंदा रहा और साथ ही एक चार साल के बच्चे को भी निकाला गया है.एक खोज और बचावकर्मी मूरत बेगुल ने बताया कि इन छह लोगों को ध्वस्त इमारत के भीतर बची एक छोटी सी जगह में एक साथ रहने से जीवित बच पाने में मदद मिली। सभी छह लोग रिश्तेदार हैं।

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