मिस्र में खुदाई के दौरान मिले 2000 साल पुराने ताबूत से निकला ‘जूस’, जानें इसकी खासियत

मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में पुरात्तव विभाग को दो साल पहले एक 2000 साल पुराना ताबूत मिला था, जिसमें खास तरह का ‘जूस’ मिला है। इसकी खबर जैसे-जैसे फैली कि लोग इसी पीने की इच्छा जाहिर करने लगे। आपको बता दें कि खुदाई के दौरान यह मकबरा मिला, जहां यह ताबूत दफन किया गया था।

आपको बता दें कि खुदान के दौरान तीन कंकाल मिले। इसके साथ ही लाल-भूरे रंग के पानी का भी पता चला, जिसने कंकाल की बदबू को खत्म कर दिया।

मिस्र के समाचार आउटलेट एल-वतन के अनुसार, पुरातत्वविदों ने शुरू में कब्र के ढक्कन को केवल 5 सेमी (2 इंच) तक उठाया था। उससे तीखी गंध आने लगी। बाद में उन्होंने मिस्र के सैन्य इंजीनियरों की मदद से इसे खोला। बीबीसी के मुताबिक, सुप्रीम काउंसिल ऑफ एंटिक्स के महासचिव मोस्तफा वज़िरी ने कहा था, “हमें ताबूत में तीन लोगों की हड्डियां मिलीं। इन्हें पारिवारिक तरीके से दफनाया गया था। दुर्भाग्य से अंदर की ममी ठीक नहीं थी और केवल हड्डियां बची थीं।”

वज़िरी ने कहा था, “हमने इसे खोल दिया है। शुक्र है कि यहां मैं आपके सामने खड़ा हूं। मैं ठीक हूं।” मिस्र के राज्य के स्वामित्व वाले समाचार पत्र अल-अहराम का कहना है कि इस आशंका के बावजूद कि अब लोगों को साफ कर दिया गया है कि व्यंग्यात्मक जहरीले धुएं के कारण सरकोफेगस जारी हो सकता है।

तूतनखामुन के दफन स्थल की खुदाई के वित्तीय सहायक लॉर्ड कार्नरवोन ने 1923 में चैंबर खोलने के तुरंत बाद एक संक्रमित मच्छर के काटने से मृत्यु हो गई। तब से, अफवाहें घूमती रही हैं कि ममियां खतरनाक होती हैं।हवाई विश्वविद्यालय में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर एफ डेवॉल्फ मिलर ने नेशनल जियोग्राफिक को बताया कि इससे कोई खतरा नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *