किदांबी श्रीकांत ऐसे खिलाड़ी हैं जो हर मुश्किल के बाद वापसी करना जानते हैं. बीते एक दशक में जितनी बार श्रीकांत को इंजरी और खराब फॉर्म ने परेशान किया है उतनी बार ही उन्होंने दमदारी से वापसी की है. आज यानी सात फरवरी को ये खिलाड़ी अपना 30वां जन्मदिन मना रहा है।
श्रीकांत के कामयाबी की सबसे बड़ी वजह हैं उनके बड़े भाई नंदगोपाल जो कि खुद भी बैडमिंटन खिलाड़ी रहे हैं. सालों पहले नंदगोपाल ने बैडमिंटन को करियर बनाने का फैसला किया जिसने श्रीकांत की भी जिंदगी बदल दी. दोनों पहले जी सुधाकर रेड्डी की अकेडमी में ट्रेनिंग करते थे जिन्होंने दोनों भाईयों को गोपीचंद अकेडमी से जुड़ने को कहा।
गोपीचंद ने नंदगोपाल को अकेडमी के लिए चुन लिया लेकिन श्रीकांत जगह नहीं बना पाए. वो घर आए और बैडमिंटन से पूरी तरह दूर हो गए. भाई के बगैर वो काफी मायूस हो गए थे. बेटे की इस हालत में देखकर माता-पिता ने गोपीचंद को बहुत मनाया और श्रीकांत को भी अकेडमी में ट्रेनिंग के लिए चुन लिया गया।
गोपीचंद को श्रीकांत की प्रतिभा दिखने लगी और उन्होंने इस खिलाड़ी को डबल्स छोड़कर सिंगल्स वर्ग में खेलने को कहा. इसके लिए श्रीकांत को मांसाहारी खाना पड़ा, अपनी डाइट में अपनी ट्रेनिंग में कई बदलाव करने पड़े लेकिन इसका असर दिखना लगा. श्रीकांत ने कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता. इसके बाद आया साल 2017 जहां इस खिलाड़ी ने तीन सुपर सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया।
श्रीकांत अपनी इंजरी के कारण फिर से फॉर्म से बाहर चले गए और टोक्यो ओलिंपिक्स के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए. हालांकि उन्होंने फिर से वापसी की. साल 2021 में वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचे और फिर अगले साल देश को थॉमस कप जिताने में अहम रोल निभाया।