Australian Open में ऐसा था सानिया का शानदार सफर, VIDEO देखकर आप हो जाएंगे भावुक

टेनिस की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाली सानिया मिर्जा अपने करियर को हमेशा के लिए अलविदा कहने वाली हैं. वो दुबई में अपना आखिरी डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट खेलेंगी. इस साल का ऑस्ट्रेलियन ओपन उनका आखिरी ग्रैंडस्लैम था जहां वो मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में पहुंची थी. सोमवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक खास वीडियो शेयर किया जिसमें भारत की ये टेनिस स्टार अपने टेनिस सफर की कहानी बताते हुए भावुक हो गई।

सानिया मिर्जा ने पहली बार साल 2005 में ग्रैंडस्लैम में हिस्सा लिया था. ऑस्ट्रेलियन ओपन के साथ ही उनका ग्रैंडस्लैम का सफर शुरू हुआ था. इसके बाद उन्होंने छह ग्रैंडस्लैम खिताब जीते. उन्होंने अपने करियर का आखिरी ग्रैंडस्लैम मुकाबला भी ऑस्ट्रेलियन ओपन में ही खेला. सानिया ने वीडियो में बताया कि उनके लिए ये जगह इतनी खास क्यों हैं. वीडियो में सानिया बताती हैं कि उनके दिल में मेलबर्न के लिए खास जगह है. इसी जगह से उनके टेनिस के सफर की शुरुआत हुई. वो पिछले साल रिटायरमेंट लेना चाहती थीं लेकिन चोट के कारण उन्होंने फैसला बदल दिया।

मेलबर्न से सानिया का खास रिश्ता

सानिया ने वीडियो में कहा, ‘ऐसे इंसान की मत सुनो जो आपको कहता है कि ये चीज आप नहीं कर सकते क्योंकि किसी ने आज तक नहीं की. मैं मानती हूं कि अगर किसी चीज में आप अपना दिल लगाते हैं पूरी शिद्दत से मेहनत करते हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं.’ सानिया ने ऑस्ट्रेलियन ओपन के बारे में कहा, ‘मेरे लिए मेलबर्न बहुत खास है. यहां से सबकुछ शुरू हुआ. मैंने कई फाइनल खेले, कभी तीसरे, कभी दूसरे राउंड में पहुंची. हर बार यहां आकर बहुत खुशी होती है तो इसलिए जब मैंने तय किया कि मुझे अब इस खेल को अलविदा कहना है तो मेरे लिए ये फैसला करना काफी आसान था कि आखिरी ग्रैंड स्लैम कौन सा होगा।

दूसरों के लिए प्रेरणा बनना चाहती हैं सानिया

उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले साल रिटायरमेंट लेना चाहती थी लेकिन मुझे चोट लग गई. मैं नहीं चाहती थी कि चोट के कारण करियर को अलविदा कहूं. मैं आखिरी बार ऑस्ट्रेलियन ओपन खेलना चाहती थी. मेरा बेटा यहां है माता-पिता यहां है. ये लोग 18 साल पहले मेरे पहले ग्रैंडस्लैम में साथ नहीं थे लेकिन आज हैं. अपने बेटे को चीयर करते हुए देखती हूं तो बहुत खुशी होती है.’ अपने आखिरी मैच के बारे में बात करते हुए सानिया भावुक हो गई. उन्होंने कहा, ‘मैं कोई भी मैच खेलूं चाहे वो पहला मैच हो या आखिरी मैं हमेशा जीतने के लिए खेलती हूं. 18 साल बाद भी मैं यहां हूं और अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ खेल रही हूं तो ये मेरे लिए बड़ी बात है. अगर मेरी कहानी से एक या दो लड़कियां भी बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित होती है तो ये मेरे लिए बहुत खास बात है।

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