जोगिंदर शर्मा 2007 के टी20 वर्ल्ड कप फाइनल से पहले अधिक पहचान नहीं रखते थे. वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच था. ऐसे में पारी का 20वां ओवर फेंकना किसी के लिए आसान नहीं रहने वाला था. तब कप्तान एमएस धोनी ने तेज गेंदबाज जोंगिदर का रुख किया और उन्होंने टीम को निराश नहीं किया. उन्होंने मिस्बाह-उल-हक का बड़ा विकेट लेकर भारतीय टीम को यादगार जीत दिलाई थी. यह वाकया आज भी सभी भारतीय फैंस को याद है. लेकिन अब हरियाणा पुलिस में डीएसपी पद पर कार्यरत जोगिंदर देश के लिए खेलते हुए नहीं दिखेंगे. उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट के अलावा घरेलू क्रिकेट से भी संन्यास लेने का फैसला किया है।
39 साल के जोगिंदर शर्मा के इंटरनेशनल टी20 करियर की बात करें, तो उन्होंने सिर्फ 4 ही मुकाबले खेले. पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच के बाद उन्होंने टीम इंडिया की ओर से कोई मुकाबला नहीं खेला. फाइनल की बात करें, तो अंतिम ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन बनाने थे और उसके 9 विकेट गिर गए थे. मिस्बाह 37 और मोहम्मद आसिफ 4 रन बनाकर खेल रहे थे।
पहली 2 गेंद पर दे दिए 7 रन
जोगिंदर शर्मा हालांकि 20वें ओवर की शुरुआत अच्छे तरीके से नहीं कर सके थे. पहली गेंद वाइड रही. अगली गेंद पर मिस्बाह उल हक ने रन नहीं लिया. दूसरी गेंद पर उन्होंने छक्का जड़ दिया. इस तरह से पहली 2 गेंद पर 7 रन बन गए थे. अब पाकिस्तान को जीत के लिए 4 गेंद पर 6 रन चाहिए थे. तीसरी गेंद पर मिस्बाह स्कूप शॉट खेलने गए, लेकिन वे आउट हो गए. शॉर्ट फाइन लेग पर एस श्रीसंत ने उनका यादगार कैच पकड़ा था. मैच में भारत के 157 रन के जवाब में पाकिस्तान की टीम 152 रन बनाकर आउट हो गई थी।
जाेंगिदर शर्मा ने भारत के लिए 4 वनडे और 4 टी20 के मुकाबले खेले. वनडे में उन्होंने एक विकेट लेने के अलावा 35 रन बनाए. वहीं टी20 में उन्होंने 4 विकेट झटके. उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला. उन्होंने फर्स्ट क्लास करियर में 2800 से अधिक रन बनाने के अलावा 297 विकेट भी झटके।