शराब के लिए 100 रुपये न देने पर शुरू हुआ झगड़ा

शराब के लिए 100 रुपये न देने पर शुरू हुआ झगड़ा

 

गाजियाबाद जिले के मोदीनगर के गांव बेगमाबाद में शुक्रवार रात को गले में कैंची घोपकर हुई महेंद्र की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने शराब पीने के लिए महज 100 रुपये ना देने पर महेंद्र की हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में इस्तेमाल की गई कैंची बरामद कर ली है।

थाना प्रभारी अनिता चौहान ने बताया कि गांव बेगमाबाद में पीर वाली कॉलोनी में 45 वर्षीय महेन्द्र पुत्र कालुराम अपनी पत्नी सविता देवी, बेटे सागर, अमन और दर्पण के साथ रहते थे। वह मजदूरी करके परिवार का लालन पालन करते थे। शुक्रवार रात को खाना खाने के बाद महेंद्र अपने घर के सामने वाली सड़क पर टहल रहे थे। इसी बीच गांव का ही रहने वाला शिवा पुत्र राधेश्याम शराब पीकर जा रहा था। उन्होंने बताया कि शिवा ने और शराब पीने के लिए सड़क पर टहल रहे महेंद्र से 100 रुपये मांगे। महेंद्र द्वारा इनकार करने पर शिव उन्हें गंदी-गंदी गाली देने लगा। इस बात को लेकर दोनों के बीच मारपीट हो गई।

महेंद्र ने शिवा के दो-तीन थप्पड़ मार दिए। इसी बीच शिवा मौके से भाग गया और अपने हाथ में कैंची लेकर वापस आ गया। आते ही उसने महेंद्र के गले में कैंची से वार कर दिए। कैंची मारकर शिवा मौके से फरार हो गया। परिजन महेंद्र को पहले स्थानीय अस्पताल ले गए, लेकिन हालत गंभीर होने पर मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया। मेरठ के अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टरों ने महेंद्र को मृत घोषित कर दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक के बेटे अमन की तहरीर पर शिवा निवासी बेगमाबाद के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। थानाप्रभारी ने बताया कि शनिवार सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या में इस्तेमाल की गई कैंची बरामद कर ली है।

शराब के पैसे देने से इनकार करने पर आरोपी शिवा महेंद्र को गंदी-गंदी गाली देने लगा। जब शिवा ने गाली देनी शुरू की तो महेंद्र अपने घर के अंदर चला गया। इसी बीच शिवा ने महेंद्र के घर पर ईंट फेंक दी। इसके बाद महेंद्र घर से बाहर आया और शिवा को दो-तीन थप्पड़ मार दिए। इतना ही नहीं, जब दोनों के बीच मारपीट हो रही थी तो कॉलोनी के लोग तमाशबीन बन रहे। किसी ने भी दोनों को समझाने का प्रयास नहीं किया। यदि शिवा को डांटकर वहां से भगा दिया जाता तो शायद महेंद्र जिंदा होता। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि महेंद्र की कमाई से ही परिवार का खर्चा चलता था। अब परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया।

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