राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान अध्यापक भर्ती पात्रता परीक्षा (रीट) प्रश्नपत्र लीक मामले पर विधानसभा में गतिरोध खड़ा करने को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि वह राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहती। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा यहां मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रही है, लेकिन उसके शासित उत्तर प्रदेश व हरियाणा में हुए पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से क्यों नहीं करवाई गई?
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन भाजपा विधायकों के हंगामे की भेंट चढ़ गया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही चार बार और अंतत: शुक्रवार तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही के दौरान भाजपा व सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्य आमने-सामने आ गए और सदन ने भाजपा के चार विधायकों को सत्र की शेष अवधि से निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया।
गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ”भाजपा ने प्रदेश के युवाओं को भड़काकर जिस तरह का हिंसक माहौल बनाया है उसके कारण रीट लेवल-2 की परीक्षा रद्द की गई। इससे करीब 15 हजार युवाओं की आशाओं को धक्का लगा। अब विधानसभा की कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर भाजपा राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा नहीं होने देना चाहती है।”
उन्होंने एक बयान में कहा, ”बृहस्पतिवार को गुजरात में 13 फरवरी को प्रस्तावित नॉन सेक्रेटेरिएट क्लर्क परीक्षा स्थगित कर दिया गया। इस परीक्षा को चार साल में तीन बार स्थगित किया गया है। मैंने पहले भी कहा था कि विभिन्न राज्यों में पेपर लीक, नकल, फर्जी डिग्री आदि के संगठित गिरोह से सभी परीक्षाओं में परेशानियां आ रही है।”
गहलोत ने कहा कि हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल पेपर, मध्य प्रदेश में एसडीओ, आरएईओ व नर्स भर्ती परीक्षा, उत्तर प्रदेश में दरोगा भर्ती, यूपीपीसीएल भर्ती, यूपी लोअर सब-ऑर्डिनेट परीक्षा, ग्राम विकास अधिकारी, यूपी पीएटी, यूपी टीईटी परीक्षा, केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित यूजीसी नेट 2021, नीट परीक्षा, एसएससी सीजीएल भर्ती, थल सेना में जनरल ड्यूटी भर्ती आदि की परीक्षाओं में पेपर लीक हुए एवं तमाम परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं।
उन्होंने कहा, ”केन्द्र व राज्यों की सरकारों के सामने यह चिंता का विषय होना चाहिए। राज्यों में हुए पेपर लीक की जांच वहां की एजेंसियों ने ही की। भाजपा बताए कि इन सब भर्तियों की जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौंपी गई?”
उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार पेपर लीक, नकल, परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कठोर कानून बनाने के लिए विधेयक ला रही है। उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिये कमेटी बनाई है जो 15 मार्च तक अपने सुझाव देगी।”
उन्होंने आरोप लगाया, ”भाजपा चर्चा नहीं सिर्फ हंगामा कर माहौल खराब करना चाहती है। राज्य भाजपा के नेता किसी के इशारे पर लगातार हंगामा करने की नीति अपनाए हुए हैं, ताकि समय पर भर्ती संभव ना हो एवं सरकार को बदनाम कर सकें।”
गहलोत ने ट्वीट किया, ”कंप्यूटर अनुदेशक भर्ती में यदि किसी अभ्यर्थी पर फर्जी प्रमाण पत्र, डिग्री या डिप्लोमा पाया जाता है तो ऐसे अभ्यर्थियों एवं इन्हें जारी करने वाले संस्थानों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, ऐसे अभ्यर्थी को आगे की प्रतियोगी परीक्षाओं से विवर्जित (निषेध) किया जाएगा।”
मुख्यमंत्री के अनुसार, ”राज्य सरकार भर्तियों में पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार बजट सत्र में पेपर लीक, नकल एवं परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कठोर कानून वाला बिल लेकर आ रही है। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”