FY2023 में 8-8.5% रहेगी रियल GDP ग्रोथ: इकनॉमिक सर्वे

संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। साल का पहला सत्र होने की वजह से राष्‍ट्रपति के अभिभाषण संग सत्र की शुरुआत होगी। सबसे पहले राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदनों की संयुक्‍त बैठक को संबोधित कर रहे हैं। आज संसद के दोनों सदनों में वर्ष 2021-2022 का आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा। सत्र से ठीक पहले जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की भारत में खरीद पर अमेरिकी अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट ने सियासी पारा गरमा दिया है। विपक्ष के तेवर तीखे हैं।

चालू वित्त वर्ष में 9.2 फीसदी रहेगी इकनॉमी की ग्रोथ

इकनॉमिक सर्वे में करेंट फाइनेंशियल ईयर (चालू वित्त वर्ष) में इकनॉमी की ग्रोथ 9.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि व्यापक वैक्सीन कवरेज, सप्लाई-साइड रिफॉर्म्स से हुए फायदों, आसान रेगुलेशंस, मजबूत एक्सपोर्ट ग्रोथ से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा।

फाइनेंस मिनिस्टर ने लोकसभा में पेश की इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन के बाद फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2021-22 के लिए इकनॉमिक सर्वे रिपोर्ट (Economic Survey) को लोकसभा में रखा है।

विकसित भारत के लिए हमें आज कड़ी मेहनत करनी है

वर्ष 2047 में देश आज़ादी की शताब्दी पूरी करेगा। उस समय के भव्य, आधुनिक, विकसित भारत के लिए हमें आज कड़ी मेहनत करनी है। हमें अपने परिश्रम को पराकाष्ठा तक लेकर जाना है और यह सुनिश्चित करना है कि इसके लाभकारी परिणाम निकलें। इसमें हम सबकी समान भागीदारी है। हमने अपने पड़ोसी देश अफगानिस्तान में अस्थिरता और नाजुक हालात को देखा है, भारत ने इन परिस्थितियों में मानवता को सर्वोपरि रखते हुए ऑपरेशन देवी शक्ति को संचालित किया। हमने हमारे कई नागरिकों और कई अफगान हिन्दू, सिख, अल्पसंख्यकों को काबुल से सफलतापूर्वक एयरलिफ्ट किया।

डिफेंस सेक्टर में देश की आत्म-निर्भरता बढ़ी

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  ने कहा कि मेरी सरकार देश की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम कर रही है। सरकार की नीतियों की वजह से डिफेंस सेक्टर में, विशेषकर रक्षा उत्पादन में, देश की आत्म-निर्भरता लगातार बढ़ रही है। आज़ादी की लड़ाई में बापू के नेतृत्व में देश की चेतना का प्रतीक रही खादी एक बार फिर छोटे उद्यमियों का संबल बन रही है। सरकार के प्रयासों से 2014 की तुलना में देश में खादी की बिक्री तीन गुना बढ़ी है।

विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में भारत फिर हुआ शुमार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा किसरकार के निरंतर प्रयासों से भारत एक बार फिर विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। इस वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों में 48 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश आना, इसका प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत के विकास को लेकर आश्वस्त हैं।

इंटरनेट की कीमत सबसे कम

मेरी सरकार की नीतियों की वजह से आज भारत उन देशों में है जहां इंटरनेट की कीम

इंटरनेट की कीमत सबसे कम

मेरी सरकार की नीतियों की वजह से आज भारत उन देशों में है जहां इंटरनेट की कीमत सबसे कम है तथा स्मार्ट फोन की कीमत भी सबसे कम है। इसका बहुत बड़ा लाभ भारत की नौजवान पीढ़ी को मिल रहा है।

त सबसे कम है तथा स्मार्ट फोन की कीमत भी सबसे कम है। इसका बहुत बड़ा लाभ भारत की नौजवान पीढ़ी को मिल रहा है।

2 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिले

सरकार गरीब की गरिमा बढ़ाने का काम कर रही है। 2 करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिले हैं। आवास योजना के तहत 1 करोड़ से ज्यादा घर स्वीकृत किए गए। पेय जल की व्यवस्था हुई, जिससे महिलाओं को राहत मिली, स्वामित्व योजना ये घर के कागज (प्रोपर्टी कार्ड) मिले, जिससे विवाद कम हुए। कोरोना के इस महासंकट में हमने बड़े-बड़े देशों में खाद्यान्न की कमी और भूख की परेशानी देखी है ,लेकिन मेरी संवेदनशील सरकार ने इस बात का पूरा प्रयास किया कि 100 साल के इस सबसे बड़े संकट में कोई गरीब भूखा न रहे।

किसानों की आय के नए जरिए तैयार किए जा रहे हैं

किसानों से भी रिकॉर्ड खरीदी गई है। किसानों की आय के नए जरिए तैयार किए जा रहे हैं। कृषि से जुड़े निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। किसान रेल से किसानों को फायदा  हुआ। कोरोना काल में 1900 से ज्यादा किसान रेल चली। कोविंद बोले यह दिखाता है कि सोच नई हो तो पुराने संसाधन भी काम आ सकते हैं। छोटे किसानों (कुल के 80 फीसदी) के हितों को सरकार ने प्रमुख तौर पर रखा है। सरकार आर्गेनिक खेती जैसे प्रयास भी कर रही है। सरकार बारिश के जल को बचाने के लिए भी कदम उठा रही है। अटल भू जल योजना से 64 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित की गई है।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण

राष्ट्रपति ने कहा कि  सरकार द्वारा 64 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया गया प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन एक सराहनीय उदाहरण है। इससे न केवल वर्तमान की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि आने वाले संकटों के लिए भी देश को तैयार किया जा सकेगा। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के सामर्थ्य का प्रमाण वैक्सीनेशन प्रोग्राम में नजर आया है। हमने एक साल से भी कम समय में 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीन डोज़ लगाने का रिकॉर्ड पार किया। आज हम पूरी दुनिया में सबसे ज़्यादा वैक्सीन डोज़ देने वाले अग्रणी देशों में से एक हैं।

आस्था, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता हुई मजबूत

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “कोरोना वायरस से उत्पन्न वैश्विक महामारी का ये तीसरा वर्ष है, इस दौरान हमने भारत के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता को और मजबूत होते देखा है।’

पेगासस के मुद्दे पर गुमराह कर रही है

सरकार सबको पेगासस के मुद्दे पर गुमराह कर रही है, सरकार की झूठ फैलाने और गुमराह करने के ​कोशिश के खिलाफ विपक्ष होने के नाते इस मुद्दे को उठाना हमारा फर्ज है। सरकार चुप्पी साधे हुए है क्योंकि उन्होंने गलती की है: अधीर रंजन चौधरी, कांग्रेस

चुनाव अपनी जगह पर हैं, वह चलते रहेंगे

सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा, “मैं सभी आदरणीय सांसदों का बजट सत्र में स्वागत करता हूं। आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के लिए बहुत अवसर मौजूद हैं। यह बजट सत्र विश्व में सिर्फ भारत की आर्थिक प्रगति, भारत में वैक्सीनेशन का अभियान, भारत की अपनी खोजी हुई वैक्सीन.. पूरी दुनिया में एक विश्वास पैदा कर रही है। इस बजट सत्र में भी हम सांसदों की बातचीत, चर्चा के मुद्दे खुले मन से की गई चर्चा, वैश्विक प्रभाव का एक महत्वपूर्ण अवसर बन सकती है। मैं आशा करता हूं सभी आदरणीय सांसद और दल खुले मन से उत्तम चर्चा कर देश को प्रगति के रास्ते पर ले जाने में मदद करेंगे। यह बात सही है कि चुनाव के कारण सत्र और चर्चाएं प्रभावित होते हैं, लेकिन मैं सभी आदरणीय सांसदों से प्रार्थना करूंगा कि चुनाव अपनी जगह पर हैं, वह चलते रहेंगे। यह बजट सत्र एक तरह से पूरे सालभर का खाका खींचता है। इसलिए अहम होता है। इसलिए हम इस सत्र को जितना फलदायी बनाएंगे, आने वाला वर्ष हमें आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने में यहायक बनेगा। मुक्त चर्चा हो, मननीय चर्चा हो, मानवीय संवेदनाओं से भरे हुए चर्चा है, अच्छे मकसद से चर्चा हो, इसी अपेक्षा के साथ बहुत धन्यवाद।

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