विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की रिटायरमेंट के बाद कोल्ड स्टोर खोलने की योजना थी। ये बात विंग कमांडर के बहनोई डॉ. जितेंद्र सिंह राना ने ‘हिन्दुस्ताऩ’ से खास बातचीत में साझा की। उझानी (बदायूं) के एक महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र सिंह राना ने बताया कि पृथ्वी उम्र में उनसे तीन-चार साल छोटे थे, लेकिन रिश्तेदारी के अलावा भाई और एक अच्छे दोस्त के रूप में थे। उनकी मौत की सूचना मिलते ही वह दिल्ली पहुंच गए। कामिनी और बच्चों के साथ रहे। वहीं से पार्थिव शरीर के साथ आगरा आए। उन्होंने बताया कि पृथ्वी की नौकरी के 20 साल पूरे हो गए थे। उन्होंने रिटायरमेंट के बाद कोल्ड स्टोरेज खोलने का मन बनाया था। डॉ. राना ने बताया कि उनकी बेटी वर्तिका का जन्मदिन 24 सितंबर और पृथ्वी का 23 सितंबर को होता है। दोनों मामा-भांजी रात 12 बजे वीडियो कांफ्रेसिंग कर केक काटकर जन्मदिन मनाया करते थे। बच्चों से मिलने पर उनके अंदर का बच्चा बाहर आ जाता था। जब सब लोग पृथ्वी के यहां घूमने जाते थे तो वह सभी बच्चों की फरमाइश को पूरा किया करते थे। स्वभाव से इतने सरल और सहज थे कि उन्हें अपने पद का जरा सा भी घमंड नहीं था। वह प्रकृति प्रेमी भी थे। यदि कहीं घूमने-फिरने गए तो रास्ते में घास पर ही बैठ जाते थे। डॉ, राना कहते हैं कि अब तो यादें ही रह गईं हैं। परिवार को कहां रहना है और कैसे क्या करना है। ये सब लोग मिलकर तय करेंगे।
यशविनी ने दी थी सबसे पहले जानकारी
हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वालों में स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह भी थे। उनकी मृत्यु की सूचना सबसे पहले उनकी पत्नी यशविनी को वायुसेना के अधिकारी से मिली थी। इसके बाद उन्होंने ही विंग कमांडर पृथ्वी की पत्नी कामिनी को पृथ्वी के बारे में जानकारी दी। बता दें कि यशविनी भी कामिनी के साथ ही कुन्नूर में ऑफीसर्स बंगले में रहती थीं। वह उनकी अच्छी दोस्त थीं।