कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा की पृष्ठभूमि में शनिवार को आरोप लगाया कि सिर्फ भाजपा की सरकार में कैबिनेट की मंजूरी के बिना कानून बनाए और निरस्त किए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में इसके लिए समुचित विधाई उपाय किए जाएंगे।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ”गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री की घोषणा को एक राजनेता की तरह उठाया गया कदम बताकर सराहना की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री को किसानों की बहुत फिक्र है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के कल्याण को ध्यान में रखकर फैसला किया है।”
उन्होंने सवाल किया, ” पिछले 15 महीनों में ये योग्य नेता और उनकी अच्छी सलाह कहां थी? क्या आप लोगों ने इसका संज्ञान लिया कि प्रधानमंत्री ने कैबिनेट की बैठक के बिना ही यह घोषणा की?” पूर्व गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि यह सिर्फ भाजपा के शासन में होता है कि कानून कैबिनेट की मंजूरी के बगैर बनाए और निरस्त किए जाते हैं।