साल बारिश खत्म होने के साथ डेंगू के मामले बढ़ने लगते हैं। डेंगू बुखार एडीज इजिप्टी नामक मादा मच्छर के काटने से फैलता है। इसका वायरस अपना असर दिखाने में चार से सात दिन का समय ले सकता है, जिसमें अकसर तेज बुखार हो जाता है। डेंगू की जांच के लिए डॉक्टर एनएस-1 टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं, पर यदि बुखार पांच दिनों से ज्यादा समय से हो रहा है, तो एलाइजा टेस्ट की सलाह दी जाती है।
यह बुखार बच्चों व बड़ों दोनों को हो सकता है। मध्यम से तेज बुखार, त्वचा पर रैशेज, मांसपेशियों में दर्द, आंतरिक रक्तस्राव और ब्लडप्रेशर में गिरावट जैसे लक्षण दिखते हैं।प्लेटलेट्स को जानें
एक स्वस्थ व्यक्ति में 1.5 से 4.5 लाख तक प्लेटलेट्स होते हैं, पर कुछ कारणों, जैसे- उम्र, कुछ खास दवाओं का सेवन, तनाव या किसी बीमारी की वजह से प्लेटलेट्स काउंट में उतार-चढ़ाव हो सकता है। डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या 50 हजार से नीचे जाने लगे तो फौरन सर्तक हो जाएं। यह फैसलाडॉक्टर ही लेते है कि मरीज को भर्ती कराने की जरूरत है या नहीं। अगर प्लेटलेट्स की संख्या 10 हजार से नीचे चली जाए तो इंटरनल ब्लीडिंग का कारण बन सकती है। अकसर घबराहट में लोग तुरंत हॉस्पिटल भागते हैं या फिर खुद से कई तरह के उपचार करने लगते हैं। इससे बचना चाहिए।
किसी दवा की मदद से प्लेटलेट्स बढ़ावा संभव नहीं है। हालांकि, कुछ इंजेक्शन होते हैं, जो इनके उत्पादन को बढ़ाने में मदद करते हैं, पर डेंगू में यह मददगार नहीं होता। ऐसे में डॉक्टरों की निगरानी ही सबसे ज्यादा जरूरी है।
कीवी और अनार
ये फल पोटैशियम, फाइबर, विटामिन-सी, ई, जिंक, आयरन व फोलेट से भरपूर होते हैं।
क्या ना खाएं
ज्यादा मिर्च-मसालों और तले-भुने भोजन से परहेज करें। कैफीन युक्त पेय पदार्थ न पिएं। इसकी बजाय नींबू पानी, हर्बल चाय व ताजे फलों का रस पिएं।
डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वायरस जनित बुखार है। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर बुखार कम करने और दर्द निवारक दवाओं की सलाह देते हैं। तेज बुखार के साथ अगर उल्टी हो रही है, तो मरीज को लगातार तरल पदार्थ लेने चाहिए।
ध्यान रखें
● डेंगू के मच्छर सुबह और शाम के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं। ऐसे में शरीर का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा ढककर रखें। मॉस्कीटो रेप्लेंट का इस्तेमाल करें।
● अपने आस-पास पानी जमा न होने दें। ध्यान रखें, डेंगू का मच्छर साफ और स्थिर पानी में ही पनपता है।
● अन्य वायरस या बैक्टीरिया के संक्रमण से बचे रहने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।