साल के मोस्ट अवेडेट आईपीओ पेटीएम (पैरेंट कंपनी One 97 Communications) की शेयर बाजार में लिस्टिंग हो गई है। इस आईपीओ ने शेयर बाजार में एंट्री के साथ ही निवेशकों को बड़ा नुकसान दिया है। जिन निवेशकों को आईपीओ अलॉट हुआ था, उनकी बेचैनी बढ़ गई है। अब सवाल है कि क्या घाटे में ही पेटीएम के शेयर बेचकर निकल जाना ठीक रहेगा। सवाल ये भी है कि आखिर वो कौन से कारण थे, जिसकी वजह से पेटीएम की निगेटिव लिस्टिंग हुई है। इन सभी सवालों का जवाब हम आपको देंगे।
क्यों हुई निगेटिव लिस्टिंग: शेयर बाजार के एक्सपर्ट सचिन सर्वदे की मानें तो पेटीएम की निगेटिव लिस्टिंग की सबसे बड़ी वजह हाई वैल्यूएशन थी। कंपनी ने आईपीओ के जरिए 18,600 करोड़ रुपए जुटाने का फैसला किया था, जो काफी ज्यादा था। वहीं, ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी जीएमपी में भी पेटीएम की सुस्ती देखी गई। पेटीएम के भविष्य को लेकर भी कई तरह की चिंताएं हैं। यही वजह है कि लोगों के बीच आईपीओ की डिमांड कम थी।
कितने का था आईपीओ: पेटीएम की पैरेंट कंपनी One 97 Communications के आईपीओ के लॉट का साइज 12,900 रुपए का था। एक लॉट में 6 शेयर थे, जिसमें प्रति स्टॉक की अधिकतम कीमत 2150 रुपए थी। वहीं, जब शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद कंपनी का शेयर भाव 1,961.05 रुपए के हाई लेवल पर गया, जो अलॉट शेयर भाव से करीब 190 रुपए कम है। ये गिरावट बढ़ती जा रही है।
अब आगे क्या करें: शेयर बाजार के एक्सपर्ट सचिन सर्वदे का कहना है कि ये स्टॉक रियालिस्टिक परफॉर्म कर रहा है। हर समझदार निवेशकों को ये अनुमान था कि पेटीएम की निगेटिव लिस्टिंग होगी। अगर आपने लॉन्ग टर्म के लिए सोच कर दांव लगाया था, तब तो कोई बात नहीं है। अगर लिस्टिंग के दिन मुनाफा कमाने के लिहाज से दांव लगाया था तो बेहतर है कि डीप डाउन के वक्त खरीदारी कर इसकी भरपाई करें।
सचिन सर्वदे के मुताबिक पेटीएम का शेयर भाव आने वाले दिनों में गिरकर 1100-1250 रुपए तक के रेंज में जा सकता है। इसके बाद फिर से रिकवरी होगी और शेयर का भाव आईपीओ के प्राइस तक पहुंच जाएगा। जाहिर सी बात है कि निवेशकों को प्रति स्टॉक 800 रुपए से ज्यादा का फायदा हो जाएगा।