कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद (Salman Khurshid) की किताब आते ही विवादों में घिर गई है। किताब के विरोध में शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में एक मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें समाज के एक बड़े वर्ग की भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के लिए किताब के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है।
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने वकील अक्षय अग्रवाल और सुशांत प्रकाश के माध्यम से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए “सनराइज ओवर अयोध्या” (Sunrise Over Ayodhya) नामक किताब के प्रकाशन, प्रसार और बिक्री को रोकने के निर्देश की मांग करते हुए मुकदमा दायर किया है।
इसमें कहा गया है कि पुस्तक में पृष्ठ संख्या 113 अध्याय 6 पर “द सैफरन स्काई” (The Saffron Sky) शीर्षक वाले एक अंश में “सनातन धर्म और संतों के लिए पहचाने जाने वाले शास्त्रीय हिंदू धर्म को हिंदुत्व के एक मजबूत संस्करण द्वारा एक तरफ धकेल दिया जा रहा था, सभी मानकों से एक राजनीतिक हाल के वर्षों के आईएसआईएस और बोको हराम जैसे समूहों के जिहादी इस्लाम के समान संस्करण”।
इस किताब के कुछ अंशों को लेकर बवाल मच गया है। किताब में उन्होंने हाल के वर्षों के हिंदुत्व की तुलना जिहादी इस्लामी संगठनों- आईएसआईएस और बोको हरम जैसे समूहों से की है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह पुस्तक विमोचन कार्यक्रम राज्य में अल्पसंख्यकों के वोट हासिल करने और ध्रुवीकरण करने के लिए एक पुअर पब्लिसिटी स्टंट है।
याचिका में वादी (विष्णु गुप्ता) के पक्ष में और प्रतिवादियों और उनके सहयोगियों, एजेंटों, नौकरों, आदि के खिलाफ निषेधात्मक निषेधाज्ञा के दिशानिर्देश देने की मांग की गई है, जो न केवल समाज और देश के व्यापक हित में प्रतिवादियों को उपरोक्त किताब के प्रसार, प्रकाशन, वितरण और बिक्री पर रोक नहीं लगाती है और प्रतिबंध भी लगाती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद अपनी हालिया किताब “सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन आवर टाइम्स” में “हिंदू धर्म को आतंकवाद के साथ बदनाम करने और तुलना करने” के विवाद में उलझे हुए हैं। अयोध्या फैसले पर खुर्शीद की नई किताब पिछले हफ्ते जारी की गई थी। यह अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की पड़ताल करता है।