देश में कोरोना संकट के चलते लैपटॉप की बिक्री में भारी इजाफा देखने को मिला है। वहीं पेनड्राइव, वाईफाई, हेडफोन और डाटा केबल जैसी जरूरी चीजों की बिक्री मार्च के पहले हफ्ते के मुकाबले दूसरे हफ्ते में तीन गुना तक बढ़ गई है।
इस महामारी से देश में कंप्यूटर पर काम करने वालों का एक बड़ा वर्ग घर से ही काम कर रहा है। ऐसे में ना सिर्फ कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों को काम करने के लिए जरूरी चीजें खरीदी जा रही हैं, बल्कि लोग खुद भी अपनी जरूरत का सामान खरीद कर रख रहे हैं। इन खरीदारों में बैंक,आईटी,बीपीओ सेक्टर, कॉल सेंटर, इंश्योरेंस और ऑटो समेत तमाम छोटे बड़े कारोबारी शामिल हैं। स्नैपडील ने हिंदुस्तान को बताया कि लैपटॉप और उससे जुड़े दूसरे जरूरी उपकरणों में पिछले हफ्ते तीन गुना से ज्यादा बिक्री देखने को मिली है। वहीं वाई-फाई राउटर, लैपटॉप टेबल जैसी चीजों की मांग में भी भारी इजाफा देखने को मिला है।
जानकारों का मानना है कि मार्च महीने में ये पिछले कई साल में बिक्री के तौर पर आया बड़ा उछाल माना जा रहा है। उनका कहना है कि कंपनियां अपनी बड़ी खरीद का बजट नए वित्त वर्ष यानी अप्रैल से ही जारी करती हैं, लेकिन इस साल कोरोना संकट के चलते मार्च में ही वर्क फ्रॉम होम शुरू करना पड़ रहा है और खरीदारी की जरूरत देखी जा रही है।
विजय सेल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश गुप्ता ने हिंदुस्तान को बताया है कि पिछले दो हफ्तों में मांग में 30 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला था। उन्होंने ये भी कहा कि अब लॉकडाउन जैसे हालात बनने पर शुक्रवार को ग्राहकों ने सबसे ज्यादा इंक्वायरी की, लेकिन अब कई जगहों पर दुकाने बंद होने से ऑर्डर पूरे नहीं किए जा पा रहे हैं। हालांकि देश में इन उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग चीन में कोरोना फैलने के चलते जनवरी से ही प्रभावित है। ऐसे में बाजार में सप्लाई की भी किल्लत हो सकती है।
कालाबाजारी की आशंका : साइबर मामलों के जानकार पवन दुग्गल ने हिंदुस्तान को बताया कि बड़े पैमाने पर सामान की जरूरत और मैन्युफैक्चरिंग संकट के चलते आने वाले दिनों में इन उपकरणों की काला बाजारी भी बढ़ने की आशंका है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार ने जिस तरह मास्क और सेनेटाइजर के दाम पर लगाम लगाई है, उसी तरह घर से काम करने के लिहाज से जरूरी सामान के लिए भी नियम बना देना चाहिए ताकि इस संकट के समय में ग्राहक ठगा ना जाए।